Home छत्तीसगढ़ कोरबा जिले में होगा 72500 पौधा रोपण

कोरबा जिले में होगा 72500 पौधा रोपण

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कोरबा। नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के तहत संचालित हो रहे 145 गोठानों और चरागाहों में 72 हजार 500 फल और छायादार पौधों की रोपणी की जाएगी। जारी मानसून के दौरान की जाने वाली इस रोपणी में मजूदरों को तीन करोड़ 53 लाख रुपये का काम मिलेगा। शासन से जारी राशि में पौधों के संरक्षण का खर्च भी शामिल है। गोठान समितियों को पौधों के संरक्षण का दायित्व दिया जाएगा।
गोठानों में पहली बार खासी तादाद में रोजगार गारंटी योजना के तहत पौधारोपण करने की योजना बनाई गई है। गो संरक्षण के अलावाा गोठानों से मिलने वाली खाद में पौधों के पत्तों का आगे चलकर अहम योगदान होगा। एक गोठान में 600 से 1000 संख्या तक के पौधों का निर्धारण किया गया है। लगाए जाने वाले पौधे आमतौर पर उपलब्ध होने वाले आम, अमरूद, जामुन, नीबू, आंवला, कठहल सहित अन्य प्रजाति के होंगे। प्रयाय यह रहेगा कि प्रत्येक गोठान में अलग-अलग मौसम में फल देने वाले 50 से 70 पौधे रहें। इससे पौधों की सुरक्षा का दायरा भी बना रहेगा। पौधों के तीन साल तक संरक्षण की जिम्मेदारी गोठान समितियों की रहेगी। तीन साल के बाद आमतौर पर पौधे पेड़ बनने की स्थिति में आ जाते हैं। ऐसे में इन पौधों के संरक्षण जैसे बाड़ लगाना, पानी और खाद देने का खर्च भी स्वीकृत राशि में शामिल है। पौधौं की रोपणी केवल गोठानों तक ही नहीं बल्कि चारागाह में भी की जाएगी। गोठान समिति ग्राम सभा के अनुमोदन से वांछित स्थलों में पौधों को रोपित करा सकेंगे। समिति के जॉब कार्डधारी महिलाओं को मनरेगा के तहत काम मिलेगा। समिति अपने तरीके से पौधों की रोपणी कर सकेंगे। फलदार पौधों की रोपणी के पीछे मुख्य उद्देश्य गोठान समितियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना है। पौधों की आपूर्ति उद्यान से की जाएगी। कलमदार पौधों की रोपणी में हर सीजन में अधिक से अधिक फलों की पैदावार हो सकेगी। पेड़ों से झडऩे वाले पत्तों से जैविक खाद भी बनेगा। गोबर के अलावा जैविक खाद भी समितियों के लिए आमदनी का जरिया बनेगा। जुलाई माह तक पौधों की रोपणी पूरी की जाएगी।