मुंगेली/ जिले के क्वारंटाईन सेंटर 12 साल की बच्ची की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक वह हाल ही में अपने परिजन के साथ यूपी से लौटी थी। उसका परिवार मजदूरी करने गया था। पथरिया ब्लॉक के बावली गांव के रहने वाले इस परिवार को गांव के क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। मुंगेली कलेक्टर पीएस एल्मा ने बताया कि बच्ची की मौत की जांच की जा रही थी। वह कमजोर थी, उसका हिमोग्लोबिन कम था, मिर्गी के दौरे भी पड़ते थे। सोमवार को भी उसे मिर्गी के दौरे पड़े। बच्ची के शव को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल भेजा गया है। वहां कोरोना जांच भी होना बताया गया इसके बाद पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होगी। बच्ची में कोरोना के लक्षण नहीं थे।
इन सब बातों के बाद एक बात सामने आ रही हैं कि स्वास्थ्य विभाग को बच्ची के तबियत खराब होने की जानकारी दी गई थी परंतु स्वास्थ्य अमला नही पहुँचा और बच्ची की मौत हो गई, बच्ची की मौत क्यों हुई इसका पता लगाया जा रहा हैं परंतु जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कहीं न कहीं क्वारंटाईन में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही बरती जा रही हैं, जिसके चलते एक मासूम बच्ची को अपनी जान गंवानी पड़ी। बहरहाल इसमें जांच उपरांत दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग लोगों ने की हैं।
पहले भी हो चुकी हैं मौतें
बीते 23 मई को खबर आई थी कि एक श्रमिक की तबियत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी उसने दम तोड़ दिया। श्रमिक पैदल और ट्रक से लिफ्ट लेकर अपने परिवार के साथ हैदराबाद से मुंगेली लौटा था। इस श्रमिक की पत्नी को प्रसव पीड़ा की वजह से बिलासपुर के सिम्स अस्पताल ले जाया गया था। जहां उसके नवजात बच्चे की जन्म के तीन घंटे बाद ही मौत हो गई थी। कोतवाली थाना इलाके के किरना गांव के क्वारैंटाइन सेंटर में भी श्रमिक की मौत हो चुकी है। श्रमिक को यहां क्वारंटाईन सेंटर में ही जहरीले सांप ने काट लिया था। इसी वजह से उसकी मौत हुई थी।