हेयर रिबॉन्डिंग ममें बालों को लंबे समय तक सीधा रखने के लिए केमिकल ट्रीटमेंट दी जाती है। ये केमिकल बालों के टेक्सचर को बदल देते हैं। इस प्रक्रिया में कई तरह के केमिकलों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर प्रेगनेंट हैं और रिबॉन्डिंग करवाने की सोच रही हैं तो पहले जरा इसके फायदे-नुकसान के बारे मेंं जान लीजिए।
क्या प्रेग्नेंसी में हेयर रिबॉन्डिंग करवाना सही है?
हो सकता है कि हेयर रिबॉन्डिंग मां और शिशु दोनों के लिए ही सुरक्षित साबित न हो। इसके सुरिक्षित होने को लेकर कोई अध्ययन मौजूद नहीं है। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को हेयर केमिकल ट्रीटमेंट न करवाने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं को इस मामले में एहतियात बरतनी चाहिए और ज्यादा सख्त केमिकलों के उपयोग से बचना चाहिए।
गर्भावस्था में हेयर रिबॉन्डिंग करवाने के नुकसान
हालांकि, इस केमिकल ट्रीटमेंट से प्रेग्नेंसी पर पडऩे वाले प्रभावों को लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है लेकिन फिर भी हेयर स्ट्रेटनिंग तत्वों के संपर्क में आने से कुछ संभावित जोखिम कारक हो सकते हैं, जैसे कि :
1.केमिकल स्कैल्प से रक्त वाहिकाओं में पहुंचकर प्लेसेंटा के जरिए शिशु तक पहुंच सकते हैं। इसे कंजेनाइटल विकारों (जन्मजात विकार) और अन्य समस्याओं जैसे कि नौ महीने से पहले डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है।
2.हार्मोनल बदलावों के कारण बालों के टेक्सचर में बदलाव आ सकता है और इस वजह से हो सकता है कि हेयर रिबॉन्डिंग का बालों पर कोई असर ही न हो।
3.अधिकतर हेयर रिलैक्सेंट में लाई नामक केमिकल होता है। ये बालों और स्कैल्प को नुकसान पहुंचा सकता है।
4.केमिकल ट्रीटमेंट उत्पादों की तेज गंध श्वसन मार्ग में दिक्कत पैदा कर जी मतली और चक्कर आने की समस्या पैदा कर सकती है।
प्रेग्नेंसी में किन बातों का रखें ध्यान
अगर आप बालों की रिबॉन्डिंग करवाने की सोच रही हैं या कोई और केमिकल हेयर ट्रीटमेंट लेना चाहती हैं तो नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखें।
1.किसी अच्छे सैलून से ही ट्रीटमेंट लें जहां पर अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का इस्तेमाल होता हो।
2.देखें कि सैलून में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है।
3.केमिकल की तेज गंध से होने वाली दिक्कतों से बचने के लिए हवादार जगह पर ही ट्रीटमेंट लें।
4.हेयर केमिकल ट्रीटमेंट में समय लग सकता है और आपको लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ सकता है। इस वजह से पीठ दर्द या शरीर में दर्द हो सकता है। ट्रीटमेंट के बीच-बीच में ब्रेक लेकर पैदल चलें।
5.लाई रिलैक्सर से स्कैल्प को नुकसान होता है इसलिए नो-लाई रिलैक्सर्स का इस्तेमाल करें।
6.बालों की रिबॉन्डिंग करवाने के लिए ऐसे विकल्पों को चुनें जिनमें केमिकलों का इस्तेमाल न होता हो।
अन्य विकल्प क्या हैं
अगर आप प्रेगनेंट हैं और हेयर स्ट्रेटनिंग या रिबॉन्डिंग के बारे में सोच रही हैं तो नीचे बताए गए सुरक्षितत विकल्पों को अपना सकती हैं।
1.इलेक्ट्रिक हेयर स्ट्रेटनर या क्लिप हेयर एक्स्टेंशन का इस्तेमाल करें।
2.आप बालों को कलर भी करवा सकती हैं।
3.प्रेग्नेंसी में लुक को बदलने के लिए हेयर कट करवाएं।
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान बालों को रिबॉन्डिंग करवाने का निर्णय ले चुकी हैं तो सावधानी बरतना न भूलें। वैसे तो बेहतर होगा कि आप हेयर केमिकल ट्रीटमेंट प्रेग्नेंसी के बाद ही लें।