अम्बिकापुर से शेखर गुप्ता की रिपोर्ट
अम्बिकापुर। वनावनावरण में कमी से सम्पूर्ण विश्व मे प्रदूषण तथा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है। वनावरण की समस्या के समाधान के रूप में वन विभाग नित नए प्रयोग कर रही है। इसी कड़ी में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्षा ऋतु में वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में फलदार पौधेए सब्जी एवं सीडबाल के बुवाई के लिए सरगुजा वनमंडल ने परिक्षेत्रवार लक्ष्य निर्धारित किया है।वर्षा ऋतु 2020 में वृक्षारोपण तथा वनावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1 लाख सीडबाल बुवाई करने का लक्ष्य रखा गया है।
सीडबाल बनाने के लिए गोबर खाद तथा कम्पोस्ट खाद को मिलाया जाता है। उसके बाद मिट्टी के बाल के आकार में मिलाकर उसमे कटहलए सालए जामुन इत्यादि की बीज डालकर अंकुरित किया जाता है। इस सीडबाल को दूरस्थ दुर्गम वन क्षेत्रों तथा पहुंचविहीन वन क्षेत्रों में वर्षाकाल में रख दिया जाता है। सीडबाल में अंकुरित बीज धीरे धीरे उसी जगह में अपनी जड़ें फैलाकर बड़ा हो जाता है। शासन के इस परियोजना से विभिन्न दीर्घकालिक लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।
वनमंडलाधिकारी श्री पंकज कमल ने बताया कि सरगुजा जिले के दूरस्थ तथा दुर्गम वन क्षेत्रों में फलदार तथा सब्जी वाले बीजों की बुवाई की जाएगी जिससे वनावरण में वृद्धि के साथ साथ जंगलों से फल तथा सब्जी भी मिलेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे जिले में कुल 2000 किलोग्राम फलदार बीज तथा 200 किलोग्राम सब्जी बीज की बुवाई की जाएगी। इस योजना का दूरगामी लाभ वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों सगको मिलता है। इस योजना के अंतर्गत फलदार पौधे खाली तथा अनुपजाऊ बाड़ीए खेत या वन में लगाया जाता है जिसका सारा खर्च शासन के द्वारा वहन किया जाता है।