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आर्थिक पैकेज की आखिरी किस्त का ऐलान- शिक्षा-स्वास्थ्य पर जोर, हर जिले में बनेंगेे संक्रामक रोग सेंटर, बच्चे घर पर ही टीवी के जरिए कर सकेंगे पढ़ाई

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नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, उसकी आखिरी किस्त का ऐलान आज केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस कर की। इसके मुताबिक पैकेज की आखिरी किस्त में शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर पूरा जोर रहा है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्तमंत्री ने हर जिले में संक्रामक रोग सेंटर बनाए जाने की बात कही, वहीं पहली से 12वीं तक के छात्रों के लिए कक्षा अनुसार अलग-अलग टीवी चैनल की बातें भी सामने आई है। इसके अलावा देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए. उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया. इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को सीधे उनके खाते में पैसा दिया गया।
आपको बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हर सेक्टर पर फोकस कर रही हैं। इसी कड़ी में रविवार को वित्त मंत्री ने आखिरी ऐलान में कहा कि लॉकडाउन के बीच कैसे बच्चे घर से पढ़ाई कर सकें, सरकार ने इसकी व्यवस्था की है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि 12 नए चैनलों पर ई-क्लास होंगी. बच्चे अगले कुछ महीनों तक घर से बैठकर इन चैनलों के माध्यम से पढ़ाई कर पाएंगे।
शिक्षा क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मानव संसाधन मंत्रालय ने स्वयं प्रभा चैनल के जरिये शिक्षा गांवों तक पहुंचाने का फैसला किया है. तीन चैनलों को चिन्हित कर लिया है. लाइव टेलिकास्ट के जरिये भी शिक्षा उपलब्ध कराने पर फोकस है।
मुख्य बातें
-पहली से 12 वीं के छात्रों के लिए हर क्लास का अलग टीवी चैनल होगा।
-मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ अतिरिक्त जारी किया गया।
-किसानों को 2 महीनें के लिए मुफ्त अनाज और दाल देने की घोषणा की गई, इसके अलावा 20 करोड़ लाभार्थियों के खातों में पैसे पहुंचाए गये।
-स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 15 हजार करोड़ रूपये की घोषणा की गई।

  • कोरोना के बाद की तैयारियों पर भी रहेगी सरकार की नजर – मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार और कोविड-19 पर दिया जाएगा जोर।
    -देश में 300 से अधिक कंपनियां पीपीआई किट बना रही हैं। पहले एक भी कंपनियां नहीं थी। 1 लाख पीपीई किट एक दिन बनाए जा ही हैं।
  • 200 नई पाठ्यपुस्तकें ई-पाठशाला में जोड़ी गईं।
    -आज हम मनरेगा, हेल्थ, शिक्षा, बिजनेस, कंपनी एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और राज्य सरकारों के रिसोर्स पर केंद्रित करेंगे।
    -निर्माण कार्य में लगे मजदूरों तक भी मदद पहुंचाई गई है।
  • प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेनें का किराया 85 फीसदी केंद्र सरकार ने दिया है। ट्रेन के अंदर खाना भी मुहैया करवाया गया।