सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वाला जिला है बिलासपुर
बिलासपुर। मनरेगा के तहत गांवों में 2 लाख से अधिक श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है। यह संख्या पिछले 15 वर्षों में सर्वाधिक है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की रोजी-रोटी की समस्या दूर हो गई।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए जारी लाॅकडाउन में लोगों को आजीविका की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सभी आर्थिक गतिविधियां बंद हैं। लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को मनरेगा से रोजगार सुलभ हो रहा है।
मनरेगा जिले में 02 फरवरी 2006 से लागू है। तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो गत वर्षों में अधिकतम 1 लाख 20 हजार श्रमिकों के लिये रोजगारसृजन किया गया था। इस योजना में विगत 15 वर्षों में इतने श्रमिक कार्यरत नही थे जितने इस वर्ष लाॅकडाउन की अवधि में कार्यरत हैं। यह जिले की बड़ी उपलब्धि है।
लाॅकडाउन अवधि में ग्रामीणों एवं अन्य स्थानों से अपने गांव लौटकर आने वाले प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिये कार्य योजना माह विगत मार्च माह में ही तैयार कर ली गयी थी। सभी ग्राम पंचायतों के लिए 14537 कार्य 269.70 करोड़ लागत के स्वीकृत किये गए ताकि ग्रामीणों को गांव में ही तत्काल कार्य उपलब्ध हो सके।
गांवों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मनरेगा के अंतर्गत तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, भूमि सुधार, कूप निर्माण, पशु शेड निर्माण एवं वृक्षारोपण हेतु गड्ढे के खुदाई इत्यादि कार्य कराए जा रहे हैं। वर्तमान में जिले में योजना प्रारंभ से अब तक का सर्वाधिक रोजगार सृजन कर 2 लाख 3 हजार श्रमिक बिलासपुर एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में संयुक्त रूप से नियोजित किये गए हैं।
वर्तमान में विकासखण्ड बिल्हा में 448 कार्य चल रहे हैं जिसमें 38940 मजदूर कार्यरत हैं। इसी प्रकार विकासखण्ड कोटा में 364 कार्यों में 35780 श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं। विकासखण्ड तखतपुर में 350 कार्य चल रहे हैं यहां प्रतिदिन 41311 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। विकासखण्ड मस्तूरी में 529 कार्य संचालित हैं जिसमें 39191 मजदूरों को लाभ मिल रहा है। विकासखण्ड गौरेला मंे 314 कार्य चल रहे हैं जिसमें 9600 श्रमिक कार्यरत हैं। विकासखण्ड पेण्ड्रा में 283 कार्य संचालित हैं जिसमें 12680 मजदूर कार्य कर रहे हैं और विकासखण्ड मरवाही में 644 कार्य चल रहे हैं जिसमें 25960 मजदूर कार्य कर रहे हैं। कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। साथ ही हाथ धोने के लिये सेनेटाईजर की भी व्यवस्था प्रत्येक कार्यस्थल पर की गई है।