बिलासपुर। सांसद अरुण साव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल व मुख्य सचिव को संयुक्त रूप से एक पत्र लिखकर दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले मजदूरों के लिए आवास, भोजन आदि की व्यवस्था करने प्रत्येक ग्राम पंचायत को राज्य आपदा राहत कोष से एक-एक लाख रुपए देने की माँग की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य आपदा कोष में उपलब्ध कराए गए 216 करोड़ रुपए का सही उपयोग किया जावे।
पत्र में सांसद श्री साव ने कहा है कि आज पूरा देश कोरोना वायरस की रोकथाम एवं पीड़ितों के उपचार के लिए लगा हुआ है। संकट की इस घड़ी में केन्द्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को हर संभव मदद कर रही है। इसी क्रम में भारत सरकार ने विभिन्न मदों में सहायता राशि उपलब्ध कराई है। राज्य आपदा राहत कोष के लिए भी केन्द्र सरकार ने 216 करोड़ रुपए की मदद दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के एक लाख से अधिक मजदूर अभी भी देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हैं, जिनका अपने गांव लौटने का क्रम अब शुरू हो गया है। अन्य राज्यों से गांव लौटने वाले इन श्रमिकों के लिए आवास, भोजन आदि की संपूर्ण व्यवस्था करने का जिम्मा राज्य सरकार ने संबंधित ग्राम पंचायतों को सौंप दिया है। श्रमिकों को गांव के स्कूल व आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन में ठहराने की व्यवस्था की गई है। अनेक स्कूल एवं आंगनबाड़ी भवनों में बिजली, पानी सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में श्रमिकों के लिए वहां 14 दिनों तक ठहरना कठिन होगा। इन श्रमिकों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करने राज्य सरकार ने अभी पंचायतों को एक रुपया भी नहीं दिया है। साथ ही इन व्यवस्थाओं के लिए मूलभूत, 14 वें वित्त व मनरेगा मद की राशि का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं, जो कि उचित एवं व्यावहारिक नहीं है। एक तो यह पंचायतों की स्वयं की राशि है, जिसका उपयोग विभिन्न जनहित के कार्यों व मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को इन श्रमिकों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करने राज्य आपदा राहत कोष से सभी ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रुपए तत्काल देना चाहिए। ताकि इन श्रमिकों के लिए समुचित व्यवस्था की जा सके।