आप नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर जरूर गए होंगे, भगवान शिव जी के दर्शन भी किये होंगे, लेकिन भिण्ड में भी त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर है. इस मंदिर का पुनः निर्माण सन 2015-16 में गौरी सरोवर के किनारे कराया गया था, खास बात यह है कि भिण्ड के भगवान त्र्यंबकेश्वर मन्दिर में काल सर्प दोष से मुक्ति वाले भक्त सबसे अधिक आते हैं.
गौरी सरोवर के पास 107 शिवजी के मंदिर मिल जाएंगे, यहां राजा पृथ्वीराज चौहान ने शिवालय का निर्माण कराया था. इन्हीं में से एक मंदिर है त्रंबकेश्वर महादेव मंदिर. 2015-16 में गौरी के किनारे एक खुदाई के दौरान एक गहरे गड्ढे में ये तीनों शिवलिंग मिले थे. पुजारी दिनेश भारद्वाज बताते है जीर्णोद्वार के बाद मंदिर की सुंदरता देखी जा सकती है. मंदिर के गर्भगृह में तीन शिवलिंग हैं, ये तीनों शिवलिंग एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. जिसकी वजह से त्र्यंबकेश्वर महादेव के नाम से पुकारते हैं.
प्रदेश का पहला मंदिर
जी हां, भिण्ड जिले में एक हजार साल से भी पुराना त्र्यंबकेश्वर मंदिर है, जिला पुरातत्व अधिकारी वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि गौरी सरोवर किनारे मौजूद मंदिर एक हजार साल से भी अधिक पुराना है. जिसका निर्माण 11वीं सदी में राजा पृथ्वीराज चौहान ने कराया था. मंदिर के गर्भगृह में एक साथ तीन शिवलिंग मौजूद हैं. प्रदेश में तीन शिवलिंग वाला इतना पुराना मंदिर यही है.