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SECL को मिला बढ़ा हुआ लक्ष्य , 183 मिलियन टन कोयला करना होगा खनन

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गत वित्तीय वर्ष में 170.5 एमटी का था लक्ष्य
कोरबा.
केंद्र सरकार ने ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कोयला खनन का लक्ष्य बढ़ा दिया है. इसी के तहत कोल इंडिया के साथ साथ उसकी अनुषंगी कंपनियों के टारगेट में भी इजाफा किया गया है. एसईसीएल का टारगेट भी 170.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 183 मिलियन टन कर दिया गया है. समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के मुकाबले एसईसीएल 150.55 मिलियन टन कोयला खनन ही कर सकी थी. ऐेसे में गत वित्तीय वर्ष से12.5 एमटी ज्यादा उत्पादन का टारगेट पाना चुनौती भरा रहेगा. एसईसीएल के विभिन्न एरिया का भी टारगेट बढ़ा है.वित्तीय वर्ष 2019-20 में एसईसीएल को 170.5 मिलियन टन का लक्ष्य दिया गया था. इस लक्ष्य को पूरा करने में एसईसीएल नाकाम रही थी. बावजूद इसके एसईसीएल को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बढ़ा हुआ टारगेट दिया गया है. इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए एसईसीएल ने सभी एरिया को भी नया टारगेट सौंप दिया है. इसके अनुसार सबसे अधिक गेवरा से 49 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य है. जबकि 100 फीसदी से ज्यादा उत्पादन करने वाली कुसमुंडा को 42.15 एमटी टारगेट से कहीं ज्यादा 47 एमटी का लक्ष्य दिया गया है. कंपनी ने लक्ष्य से पीछे रहने वाली दीपका के टारगेट को यथावत 35 मिलियन टन ही रखा है. वहीं कोरबा एरिया को गत वित्तीय वर्ष में 7.86 मिलियन टन का लक्ष्य मिला था. इस लक्ष्य से पीछे रहने वाली कोरबा को भी इस बार 8.12 मिलियन टन का बढ़ा हुआ लक्ष्य हासिल हुआ है. साथ ही जिले के अलावा बिलासपुर, रायगढ़, चिरमिरी में स्थित एरिया का टारगेट भी एसईसीएल ने बढ़ाया है. इस बढ़े हुए लक्ष्य को हासिल करना एसईसीएल के लिए चुनौती से कम नहीं होगी. नवीन परियोजनाओं से उत्पादन शुरू होता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में पुराने परियोजनाओं के बूते ही इस टारगेट को हासिल करना होगा.

राजस्व में होगी बढ़ोतरीएसईसीएल को बढ़ा हुआ टारगेट मिला है. इसके साथ ही राजस्व बढ़ोतरी की उम्मीद भी है. चूंकि एसईसीएल का लगभग 80 फीसदी उत्पादन जिले की खदानों से ही होता है. टारगेट को पूरा करने जिले की कोयला खदानों को पूरा जोर लगाना होगा. ऐसे में राजस्व कमाई में भी बढ़ोतरी होगी. राजस्व बढ़ने के साथ ही डीएमएफ का दायरा भी बढ़ेगा. जिससे जिले में और विकास की पूरी उम्मीद है.
कई परियोजनाओं का टारगेट कमएसईसीएल के कुछ एरिया का टारगेट पिछले लक्ष्य से कम रखा गया है. जिसमें बैकुंठपुर को गत वित्तीय वर्ष में 2.77 मिलियन टन का लक्ष्य दिया गया था. इसे घटाकर 2.76 किया गया है. इसी तरह हसदेव को पिछला टारगेट तीन मिलियन टन से इस बार 2.83 मिलियन टन दिया गया है. वहीं दीपका के 35 मिलियन टन लक्ष्य को गत वित्तीय वर्ष की तरह ही यथावत रखा गया है.
बाक्स

एसईसीएल का एरियावार टारगेट
एरिया पिछला वर्तमान
कुसमुंडा 42.15 47
गेवरा 45 49
दीपका 35 35
कोरबा 7.86 8.12
बैकुंठपुर 2.77 2.76
भटगांव 3.64 4.64
विश्रामपुर 2.07 2.62
चिरमिरी 3.53 3.45हसदेव 3 2.83जेएनके 2.94 2.98 जोहिला 1.85 2.06रायगढ़ 14.05 15.75सोहागपुर 6.64 6.79 नोट- टारगेट मिलियन टन में