बिलासपुर/ कहते हैं गरीबों को भोजन कराने या उनके लिए भोजन व्यवस्था करने से स्वयं भगवान तृप्त हो जाते हैं और भगवान की विशेष कृपा मिलती हैं, परंतु गरीबों और जरूरतमंदों के लिए किया गया भोजन व्यवस्था निःस्वार्थ होना चाहिए. क्योंकि वर्तमान में बहुत सारे जनसेवी और जनप्रतिनिधिगण खुद को गरीबों का भगवान साबित करने लगे हैं साथ ही वे दान या आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराते समय ऐसा फ़ोटो खिंचवाते हैं मानों वे गरीबी और ग़रीबों का मजाक उड़ा रहे या उन पर एक बड़ा एहसान कर रहे। अभी हाल ही में बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय का एक फोटो देखने मिला जिसमें उनके द्वारा राशन दुकान से अपने एपीएल हिस्से का अनाज लेकर अपने कंधे पर लादे हुए है और उनके आसपास के लोग ये कह रहे कि विधायक के द्वारा अपने एपीएल हिस्से के राशन को गरीबों में बांटा जाएगा, इसमें एक बात मान लिया जाए कि वाकई विधायक ने दरियादिली दिखाते हुए अपने हिस्से के अनाज को गरीबों में बांटा जाएगा, परंतु वही दूसरी ओर क्षेत्र के लोगों ने कहा कि विधायक शैलेष पांडेय द्वारा जो अनाज की बोरी उठाते हुए फ़ोटो खिंचाया जा रहा ये खुद का प्रचार करने जैसा है, क्योंकि जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए मॉस्क नही उतारना चाहिए, ऐसा प्रतीत हो रहा मानों विधायक ने फ़ोटो खिंचवाने बोरी कंधे में रख मॉस्क हटाया हो, जो कि लज्जाजनक हैं, कुछ जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने कहा कि जिले एवं क्षेत्र में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अपने हिस्से के राशन दुकान में मिलने वाले सामग्रियों को जरूरतमंदों को दान में दे देते हैं पर उन्होंने कभी ढिंढोरा नही पीटा। बहरहाल ये बात तो तय माना जा रहा कि बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय को सुर्खियों में रहने की आदत हैं।