नई दिल्ली। कोरोना की महामारी और लॉकडाउन के बीच करीब 7 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारक परिवारों के लिए राहत भरी खबर है। मोदी सरकार ने इन किसानों को राहत देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज के भुगतान की डेट दो महीने बढ़ा दी है। बैंकों से लिए गए सभी अल्पकालिक फसली ऋण के भुगतान की अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है। अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं। गौरतलब है अगर किसान 31 मार्च या फिर समय पर इस कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए कहा कि कोरोना महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में कई किसान अपने बकाया कर्ज के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं। लॉकडाउन के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री और उनका भुगतान लेने में कठिनाई हो रही है। इसलिए इन्हें छूट प्रदान की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड के कर्ज अदायगी की ब्याज दर, केसीसी लोन की रिपेमेंट पर 31 मई तक सिर्फ 4 फीसदी ब्याज देना होगा बता दें खेती के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है, लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है। यानी किसानों को 7 फीसदी ब्याज ही देना पड़ता है। अगर किसान समय पर कर्ज लौटा देता है तो उसे 3 फीसदी और छूट मिल जाती है। इस तरह इसकी दर जिम्मेदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है। कृषिमंत्री के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से कृषि उत्पादों की खरीद, मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों आदि में पहले ही छूट दी गई है। फसल कटाई व बुआई और बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट दी गई है।