बिलासपुर/ कोई भी नियम या कानून केवल आम जनता के लिये बस नही बल्कि सभी के लिये लागू होता है चाहे वो राजनीतिक पहुंच वाला हो, ओहदेदार हो, जनप्रतिनिधि हो या कोई प्रभावशाली व्यक्ति हो। इसी बात को बिलासपुर पुलिस ने सिद्ध कर दिखाया है जहां एक ओर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने केन्द्र सरकार ने लाॅकडाउन का ऐलान किया तो वही दूसरी ओर विवादों में घिरे रहे बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने लाॅकडाउन होने के बाद तथा धारा 144 लगने के बाद भी नियम कानून को ताक में रखा गया जिस पर सिविल लाईन पुलिस द्वारा उन पर एफआईआर दर्ज किया। बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय द्वारा कई लोगों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराने सोशल मिडिया और अखबारों में जिस तरह से सुर्खियां बटोरने का कार्य किया है उनके द्वारा यह बात ध्यान में नही रखा गया कि पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा हुआ है ऐसे में भीड़ एकत्रित हो ऐसा किसी भी प्रकार का कोई कार्य नही किया जाना चाहिये परंतु अखबारों में सुर्खियों में बने रहने की चाह ने विधायक को इस कदर अंधा बना दिया कि वे नियम-कायदों को दरकिनार कर अपनी मनमानी करने लगे जिसके चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। आपको बता दे कि पूरे देश दुनिया में कोरोना वायरस का आतंक मचा हुआ है ऐसे में इस खतरनाक वायरस से बचाव के चलते ऐतिहातन केन्द्र सरकार ने पूरे देश में लाॅकडाउन की धोषणा की गई थी, साथ ही राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई थी, धारा 144 लागू करने का एक महत्वपूर्ण कारण यह था कि किसी भी जगहों पर भीड एकत्र न हो सके, परंतु जानकारों की माने तो बिलासपुर विधायक को इसकी परवाह ही नही है तभी तो उनके द्वारा राशन बांटने के दौरान शासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई और आज जब उनके निवास में मेले जैसी स्थिति निर्मित हो गई तब पुलिस प्रशासन को विधायक शैलैष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना पड़ा। एफआईआर दर्ज होने के बाद विधायक कई तरह की सफाई देते फिर रहे है। साथ ही राज्य सरकार ने खुद भी यह जिम्मेदारी ली है कि प्रदेश में कोई भूखा नही रहेगा, साथ ही जिला एवं पुलिस प्रशासन भी जरूरतमंदों, गरीबों एवं भिक्षुक वर्ग के लिये भोजन व्यवस्था में लगी हुई है परंतु विधायक शैलेष पांडेय द्वारा धारा 144 के उल्लंघन करते हुये सुर्खियों में बने रहने की इच्छा के चलते राज्य शासन और जिला प्रशासन के व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिया गया है ? हालांकि जिले में और भी कई सामाजिक संगठन व समाजसेवी इन जरूरतमंदो के मदद के लिये आगे आ रहे है परंतु किसी ने नियम कानून की अवहेलना नही की। बहरहाल अधिकांश लोगों ने पुलिस की इस कार्यवाही को काफी सराहना की।