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बिग ब्रेकिंग – नाले पर अवैध प्लॉटिंग मामला गर्माया…शिकायत, नोटिस, रोक के बाद आखिर हो गई रजिस्ट्री…जब SDM ने लगाई थी रोक…तो मुकुंदराव गोवर्धन ने कैसे करा ली रजिस्ट्री…? मुख्यमंत्री के नरवा योजना की धज्जियाँ उड़ा रहे भूमाफिया और अधिकारी…NGT पहुंचेगा मामला…

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SDM और CMO की फिर बड़ी चूक, रोक के बाद कैसे हो गई अवैध प्लॉटिंग में रजिस्ट्री…? भ्रमित कर रहे अधिकारी…

भाजपाई भूमाफिया के खिलाफ मुंगेलीवासियों में आक्रोश…पंचनामा बनाने वाले राजस्व निरीक्षक और पटवारी की भूमिका संदिग्ध, जांच की मांग…

मुंगेली/ मुंगेली की माटी भूमाफियाओं की करतूतों से शर्मसार हो रही हैं, भ्रष्ट अधिकारियों, भूमाफियाओं, नेताओं और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से मुंगेली जिले का नक्शा ही बदल दिया हैं, जिसके कारण मुंगेली की जनता बेहद आक्रोशित हैं।
आपको बता दे कि दैनिक भारत-भास्कर ने अपने पिछले अंक में निम्न हेडिंग के साथ समाचार प्रकाशित किया था –
“शिक्षक नगर में प्लॉट खरीदने वाले हो जाये सावधान…न आयें भूमाफियाओं के झांसे में…मुकुंदराव को नोटिस जारी…SDM ने मुकुंदराव के अवैध प्लाटिंग पर लगाई रोक…फिर कहीं गुपचुप तरीके से न हो जाये रजिस्ट्री…? मुख्यमंत्री के नरवा योजना की धज्जियाँ उड़ा रहे भूमाफिया और अधिकारी…भाजपा नेता की जमीर व जमीन दलाली से बढ़ा आक्रोश…पढ़िए नोटिस और आदेश की कॉपी…”
उक्त हेडिंग में ही हमने संभावना व्यक्त की थी कि SDM ने शिक्षक नगर में मुकुंदराव गोवर्धन द्वारा किये जा रहे अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाई गई थी उसके बाद भी यहाँ गुपचुप तरीके से आखिर रजिस्ट्री हो ही गई। जानकारों की माने तो उनके अनुसार इस अवैध प्लाटिंग में रजिस्ट्री होना भी SDM और CMO की लापरवाही को उजागर करता हैं, क्योंकि जब SDM द्वारा दिनांक 10/04/2023 को कलेक्टर मुंगेली को भेजे ज्ञापन में शिक्षक नगर के खड़खड़िया नाले की जमीन में किये जा रहे अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगाने एवं कार्यवाही करने के विषय में स्पष्ट बताया कि उक्त संबंध में राजस्व निरीक्षक शहर से प्रतिवेदन प्राप्त, प्रतिवेदन अनुसार शिक्षक नगर में आवेदित भूमि के पास उपस्थित हुए। खड़खडिया नाला से लगी निजी भूमि स्वामी हक की भूमि 716/77 रकबा 0.381 हे. मुकुंदराव गोवर्धन की भूमि लगी है जिस पर अवैध प्लाटिंग की मंशा से मुरूम सड़क, नाली का निर्माण किया जाना पाया गया । खड़खडिया नाला शिक्षक नगर सहित अन्य हिस्सों पर से गुजरी है जिस पर पूर्व से ही अवैध प्लाटिंग हुए है वर्तमान में भी जारी है. ख.नं. 716/77 के पूर्व भाग पर नगर निवेश से अनुमोदित प्लाट भी बिकी हुई हैं और हो रही हैं अभी वर्तमान में अवैध प्लाटिंग पर रोक लगा दी गयी है। SDM ने भी यह स्वीकार किया था कि उक्त जगह पर अवैध प्लाटिंग हो रही हैं, मामले में दो पहलू हैं पहला नाले से लगकर अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं जो कि जल बहाव क्षेत्र के नियमों में आता हैं दूसरा अवैध प्लाटिंग। अगर इस खसरे नम्बर में रजिस्ट्रियां नाले से मानक दूरी पर भी हुई हैं तब भी तो आखिर रह रजिस्ट्रियां अवैध प्लॉटिंग में ही हुई हैं जो कि अवैध प्लाटिंग करने वाले कॉलोनाइजर द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कॉलोनाइजर का पंजीकरण, नियम और शर्तें) नियम का पालन नहीं किया गया हैं। साथ ही अब सवाल यह उठता हैं कि SDM द्वारा जब ज्ञापन जारी कर कलेक्टर मुंगेली को बताया जा रहा हैं कि 716/77 में हो रहे अवैध प्लाटिंग को रोक दी गई हैं तो इसकी प्रतिलिपि जिला पंजीयक, उप पंजीयक, मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगेली को क्यों नहीं भेजी गई ? SDM का ज्ञापन मिलने के बाद क्या कलेक्टर ने जिला पंजीयक, उप पंजीयक, मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगेली को रजिस्ट्री रोकने ज्ञापन भेजा ? अगर नहीं तो SDM द्वारा उक्त खसरा में रोक लगाने वाली बात कलेक्टर को ज्ञापन में भेजने के बाद दिनांक 15, 19 और 22 मई 2023 को मुकुंदराव गोवर्धन के द्वारा शिक्षक नगर में नाले पास खसरा नम्बर 716/77 में रजिस्ट्री कैसे करवा ली गई ? ऐसे में सभी सवालों के घेरे में हैं। जब मामला NGT पहुंचेगा तो सभी मामले में बुरी तरह लपेटे में आएंगे।

क्या है मामला – हाल ही में कुछ माह पूर्व ही अम्बेडकर वार्ड शिक्षक नगर में नाले की जमीन में किये जा रहे अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने एवं कार्यवाही करने की शिकायत मुंगेली कलेक्टर, एसडीएम और मुख्य नगर पालिका अधिकारी से की गई थी।
आपको बता दे कि दिनांक 01/02/2023 को कलेक्टर मुंगेली के समक्ष शिकायत प्रेषित किया गया था जिसमें बताया गया कि मुंगेली शहर में अंबेडकर वार्ड स्थित शिक्षक नगर में अवैध प्लाटिंग जोरों पर हैं जिस पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। साथ ही मुंगेली शहर का मुख्य नाला जो कि खड़खड़िया नाला के नाम से प्रचलित है वह भी शिक्षक नगर से होते हुये प्रवाहित होती/गुजरती हैं। इसी शिक्षक नगर से गुजरने वाले इस नाले पर एवं नाले से ही लगकर कुछ भूमाफियाओं और जमीन दलालों के द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है।
जो कि नियमों के विरूद्ध है साथ ही अगर यहाँ अवैध प्लाटिंग के दौरान जमीन बिक गए, और मकान बन गए तो इससे नाले एवं जलबहाव क्षेत्र प्रभावित होगें. इसके अलावा बरसात के दिनों में इस क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भी निर्मित होती है जिससे जनहानि की संभावना बनी रहती है। ऐसी स्थिति में शिक्षक नगर में नाले के बगल में हो रहे प्लाटिंग को कालोनाईजर लाईसेंस देना उचित नहीं है। अगर कालोनाईजर लाईसेंस दे दिया गया है तो उसे तत्काल निरस्त किया जाये, साथ उस जमीन की रजिस्ट्री पर भी रोक लगाया जाये जिससे नाला सुरक्षित रह सके।
उक्त शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर कलेक्टर को दिनांक 15/03/2023 को स्मरण पत्र भेज पुनः इसकी शिकायत की गई, जिसके बाद नगर पालिका मुंगेली के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने दिनांक 19/04/2023 को मुकुंदराव गोवर्धन को नोटिस जारी किया, नोटिस में कहा गया कि अम्बेडकर वार्ड शिक्षक नगर में खड़खड़िया नाला के किनारे किये जा रहे प्लाटिंग को तत्काल बंद कर 05 दिवस के भीतर कालोनाईजर लाइसेंस के साथ भूमि से संबंधित अपने सभी दस्तावेज इस कार्यालय में अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रस्तुत करें अन्यथा आपके द्वारा बिना अनुमति के किए जा रहे प्लाटिंग/निर्माण को तोड़वाते हुए आपके विरूद्ध अनुशंसात्मक कार्यवाही की जाएगी तथा आरक्षी केन्द्र मुंगेली में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आपकी होगी। उसके बाद मुकुंदराव गोवर्धन
द्वारा नगर पालिका द्वारा जारी नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि नगर पालिका परिषद मुंगेली क्षेत्रांतर्गत अम्बेडकर वार्ड स्थित शिक्षक नगर में उसके द्वारा अपने भूमि पर कोई प्लॉटिंग नही किया गया है। अतः उसके द्वारा छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के नियम 50 (ख) भू.रा. संहिता 1959 की धारा 172 का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। ऐसी परिस्थति में उसे नगर पालिका परिषद् के किसी अनुमति के आवश्यकता नही हैं और ना ही कोई कॉलोनाईजर लायसेन्स की आवश्यकता है। संदर्भित कार्यालयीन आवक पत्र कमांक 4191 दिनांकित 01.02.2023 आपके कार्यालय को झूठा एवं दुर्भावना पूर्ण पत्र प्रेषित किया गया है।
अब सवाल यह उठता हैं कि जब राजस्व निरीक्षक और पटवारी द्वारा पंचनामा में यह स्पष्ट रूप से प्रतिवेदन दिया गया हैं कि इनके जमीन पर अवैध प्लाटिंग की मंशा से मुरुम सड़क, नाली का निर्माण किया जा रहा हैं साथ ही उक्त खसरे में 3 अलग अलग नाम से रजिस्ट्रियां भी हुई हैं तो ऐसे में इस पक्षकार के द्वारा कैसे कहा जा सकता हैं कि उसने अवैध प्लाटिंग नहीं की हैं।
उक्त मामले में SDM ने कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया हैं


आपको बता दें कि कलेक्टर के पास इस शिकायत का स्मरण पत्र जाते ही उन्होंने एसडीएम को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया, जिसके बाद एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक और पटवारी के माध्यम से शिक्षक नगर में नाला से लगकर हो रहे अवैध प्लाटिंग पर जांच कर पंचनामा बनवाया गया, हालांकि यह जांच पंचनामा जिस हिसाब से तैयार किया गया हैं उसमें राजस्व से जुड़े जांचकर्ताओं पर सवाल भी उठ रहे हैं।
हालांकि पंचनामा के बाद राजस्व निरीक्षक द्वारा एसडीएम को प्रतिवेदन दिया गया जिसमें राजस्व निरीक्षक ने बताया कि मुंगेली नगर के खड़खड़िया नाले पर तथा नाले से लगी हुई भूमि पर किये जा रहे अवैध प्लॉटिंग पर कार्यवाही किये जाने के आवेदन पर आपके द्वारा गठित टीम द्वारा शिक्षक नगर में आवेदित भूमि के पास उपस्थित हुए। खड़खड़िया नाला से लगी निजी भूमिस्वामी हक की भूमि 716 / 77 रकबा 0.381 हे. पर मुकुंदराव गोवर्धन की भूमि लगी है। जिस पर अवैध प्लॉटिंग की मंशा से मुरूम सड़क, नाली का निर्माण किया जाना पाया गया। खड़खड़िया नाला नगर के शिक्षक नगर सहित अन्य हिस्सों पर से गुजरी है। जिस पर पूर्व से ही अवैध प्लॉटिंग हुए है, वर्तमान में भी जारी है। खसरा नं. 716 / 77 के पूर्व भाग पर नगर निवेश से अनुमोदित प्लॉट भी बिक्री हुई है और हो रही है। इसके बाद SDM ने कलेक्टर मुंगेली को ज्ञापन भेज जानकारी दी कि उक्त खसरे 716/77 में हो रहे अवैध प्लाटिंग पर रोक लगा दी गई हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि जब SDM ने अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगा दी हैं तो इसमें रजिस्ट्री कैसे हो गई ? इस संबंध में अब शिकायतकर्ता द्वारा मुख्य सचिव, राजस्व सचिव से शिकायत करने और NGT में याचिका लगाने की बात कही जा रही हैं।
इस पूरे मामले में राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा बनाया गया पंचनामा भी संदेहास्पद प्रतीत होता हैं क्योंकि पंचनामा में एक लाइन लिखा हुआ है कि प्लाटिंग की संरचना अनावेदक अपना निजी उपयोग हेतु निर्मित किया गया हैं न कि अवैध के लिए, अब इन जानकर राजस्व अधिकारियों को कौन समझाए कि बड़े भूभाग में कौन ऐसा मुरुमी सड़क, पाईप लाईन, प्लाट कटिंग वाला सड़क अपने निजी उपयोग के लिए बनाता हैं अगर यह निजी उपयोग के लिए है तो इस खसरे में किसी और के नाम से टुकड़ों में रजिस्ट्रियां कैसे हो गई ? इसमें इनके खिलाफ भी जांच की मांग की जाएगी।
कुछ मिलाकर यह कहा जा सकता हैं कि अधिकारियों और भूमाफियाओं की गलती, लापरवाही की वजह से जमीन खरीददारों को ही भविष्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। इस जमीन के क्रय-विक्रय का पूरा जिम्मा भाजपा के एक नेता पर हैं जो विधायक का करीबी होने का ढिंढोरा पिटता रहता हैं, साथ ही यह प्रकृति-प्रेमियों के एक संस्था से भी जुड़ा हैं जो पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य करती हैं, उस संस्था को चाहिए कि वे ऐसे गद्दार और ढोंगी प्रकृति-प्रेमी को अपनी संस्था से बाहर करें, वरना संस्था पर कई प्रश्नचिन्ह लग सकते हैं ? भाजपा नेता व इस प्रकृति प्रेमी ढोंगी द्वारा ही नाले पर अवैध प्लाटिंग कर प्रकृति से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। ऐसे भूमाफिया ही मुख्यमंत्री के नरवा योजना की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।