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जिला न्यायालय सहित अन्य कोर्ट में 31 मार्च तक सुनवाई स्थगित

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जरूरी मामले सुने जाएगें, कोर्ट में पेश नहीं होगें बंदी
कोरबा।
जिला एवं सत्र न्यायालय समेत अन्य कोर्ट परिसरों में कोरोना के मद्देनजर सुरक्षा के एहतियात के तौर पर कदम उठाए गए हैं। न्यायालय में केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई होगी। 19 से 31 मार्च तक अन्य शेष मामलों की सुनवाई स्थगित कर दी गई है। इसके अलावा कोरोना वायरस से बचाव को लेकर कोर्ट परिसर में ऐहतियात बरते गए हैं।
गुरुवार को डीजे राकेश बिहारी घोरे ने चर्चा के दौरान बताया कि हाईकोर्ट के एडवायजरी के अनुरूप बेल पिटिशन, 164 कथन स्टे एप्लीकेशन व आवश्यक सुनवाई को छोड़कर शेष अन्य मामलों में सुनवाई 31 मार्च तक स्थगित कर दी गई है। बंदी कोर्ट रूम में पेश नहीं होंगे। जरूरी होने पर सुनवाई में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की मदद ली जाएगी। कोर्ट परिसर में कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह सेनेटाइजर लगाए गए हैं वहीं कोरोना से बचाव को लेकर जागरूकता संदेश भी चस्पा किए गए है। अधिवक्ता मॉस्क लगाकर कोर्ट पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। जिला न्यायालय के अलावा कटघोरा सहित अन्य सिविल न्यायालय में भी गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है। पक्षकारों का परेशानी का सामना न करना पड़े इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
चस्पा किया गया है दिशा-निर्देश
जिला अधिवक्ता संघ की ओर से एहतियात के तौर पर 18 बिंदुओं के दिशा-निर्देश जारी कर न्यायालय परिसर में चस्पा किया गया है। इसमें अधिवक्ता साथियों से भी गुजारिश की गई है कि वे अपने पक्षकारों को न्यायालय परिसर में बुलाने की परिस्थिति यथा संभव टालें। पक्षकारों, गवाहों व अधिवक्ताओं की ओर से प्रकरण में समय लिए जाने पर न्यायालय की ओर से दिया जाएगा। दांडिक प्रकरणों में अभियुक्त की व्यक्तिगत उपस्थिति से न्यायालय की ओर से उदारता पूर्वक छूटी भी दी जाएगी। जेल अभिरक्षा में निरूद्घ पक्षकारों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय न लाकर वीडियो कांफें्रसिंग की व्यवस्था की जाएगी। अधिवक्ताओं को भी दिन विशेष में कोई काम न हो तो कोर्ट आने से बचने, जरूरी न हो तो पक्षकारों को भी कोर्ट आने से मना करने, बिना पंजीयन वाले जूनियर अधिवक्ताओं को काम न होने पर कोर्ट आने से रोकने भी कहा गया है। इन सब बिंदुओं के बीच सबसे अहम कदम ये है कि बिना आवश्यकता के कोई भी व्यक्ति कोर्ट परिसर में प्रवेश न करे, यह सुनिश्चित करने पुख्ता इंतजाम बुधवार को नजर नहीं आया। ऐसी स्थिति में पुलिस की मदद से परिसर के प्रवेश द्वार पर ही मौजूदगी सुनिश्चित कर व्यवस्था दुरूस्त की जा सकती है, जैसी व्यवस्था बुधवार को बिलासपुर में देखने को मिली।