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व्यापक पैमाने पर गौण खनिज के लिए नहीं ली गई लीज, सिर्फ सहमति से चला रहे हैं काम

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कलेक्टोरेट से कुछ दूरी पर रेलवे के चौंथी लाईन में डंप कर रहे मिट्टी में गड़बड़झाला खनिज विभाग व ठेकेदार के मिलीभगत से हो रहा पूरा काम

रायगढ़। कलेक्टोरेट से महज कुछ दूरी पर चक्रपथ के समीप रेलवे के चौथी लाइन के निर्माण काम जोरों पर है। इसमें बड़े पैमाने पर गौण खनिज मिट्टी डंप करने का काम किया जा रहा है, लेकिन संबंधित ठेका कंपनी ने एक किसान की निजी भूमि व पंचायत की डबरी से मिट्टी खोदने की सहमति लेकर खानापूर्ति कर ली है जबकि देखा जाए तो पहाड़ मंदिर के पीछे पंडरीपानी में कई स्थानों पर मिट्टी खोदाई कर उक्त मिट्टी का उपयोग रेलवे लाईन में डंप किया जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो खनिज विभाग के अधिकारी व ठेकेदार की मिलीभगत से शासन को चपत लगाने का काम किया जा रहा है।
शासन के आदेश के अनुसार कोई भी सरकारी निर्माण कार्य में अगर बड़े पैमाने पर गौण खनिज उपयोग करने की बात आती है तो उसके लिए संबंधित ठेकेदार को खनिज विभाग से खदान के लिए लीज लेने का प्रावधान है। ताकि लीज लेने के बाद रॉयल्टी जारी किया जा सके और शासन को चपत न लगे, लेकिन रेलवे के चौंथी लाईन में उपयोग किए जा रहे मिट्टी (गौण खनिज ) को लेकर अब तक कोई लीज लेने के बजाए पहाड़ मंदिर के पीछे पंडरीपानी के एक किसान के निजी भूमि में खोदाई के लिए स्टांप पेपर में सहमति व पंचायत से सूखे पड़े डबरी से मिट्टी लेने के लिए सहमति पत्र ले लिया गया है।जबकि पहाड़ मंदिर के पीछे देखा जाए तो संबंधित ठेका कंपनी द्वारा कई स्थानों पर मिट्टी की खोदाई की जा रही है और मिट्टी को रेलवे के चौंथी लाईन में लाकर डंप किया जा रहा है। जुर्माने के बाद भी खदान की अनुमति का पता नहीं
मई माह मे में ठेकेदार ने मिट्टी डंप करने का काम शुरू किया है। ठेकेदार द्वारा शुरूआत में ही अवैध रूप से मिट्टी डंप करना शुरू कर दिया था, खनिज विभाग ने इसकी भनक लगने के बाद 5 वाहनों को पकड़कर जब्त किया था। बाद में जुर्माना कर छोड़ दिया गया। इसके बाद भू-स्वामी व पंचायत से सहमति ली गई, लेकिन इस कार्रवाई के बाद भी ठेकेदार ने खदान के लीज की प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
खनिज अधिकारी ने तत्काल ठेकेदार को किया फोन
पंडरीपानी में जहां मिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है।वहाँ मौके पर पहुंच कर देखा कि एक नहीं कई जगहों पर मिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है। जिसके बाद खनिज अधिकारी से इसकी अनु़मति के बारे में चर्चा करने के लिए फोन पर संपर्क किया गया। जिसके कुछ देर बाद संबंधित ठेकेदार का फोन आया और उसने बताया कि खनिज विभाग में आप क्यों फोन कर रहे हैं। इसके बाद ठेकेदार ने आवश्यक दस्तावेज के रूप में पंचायत की सहमति और किसान की सहमति दिखाया, लेकिन खदान के लिए मिली अनुमति के संबंध में कोई दस्तावेज न होना बताया गया। वर्सन
हां संबंधित ठेकेदार ने अनुमति ली है, लेकिन कितने का लिया है इस बारे में फाईल देखना पड़ेगा। फाईल संबंधित बाबू के पास है मै बोल देता हूं देख लें। योगेंद्र सिंह, जिला खनिज अधिकारी
वर्सन
मेरे पास उक्त कार्य से संबंधित कोई भी फाईल नहीं है, हो सकता है मै अवकाश में था उस समय कुछ हुआ हो। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
विशाल, कर्मचारी खनिज विभाग