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मुख्य सचिव ने की जल संसाधन, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा

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रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंत्रालय महानदी भवन में राज्य शासन की प्राथमिकताओं वाली योजनाओं के क्रम में जल संसाधन, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के कार्यो की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ के तहत किए जा रहे कार्यों में और प्रगति लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने जल संसाधन विभाग के अंतर्गत सिंचाई, घरेलू और अन्य प्रयोजन हेतु राजस्व वसूली की उपलब्धियों एवं लक्ष्यों के संबंध में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि जल उपयोग के संबंध में उद्योगों से वसूली हेतु बेहतर प्रबंधन किए जाए। इसी तरह से भू-जल निकासी के प्रयोजनों के संबंध में नियमानुसार कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में प्रदेश की वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के अंतर्गत चिन्हित जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों के संबंध में उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार वर्षों में सिंचाई परियोजनाओं के अंतर्गत करीब 1036 कार्यों को स्वीकृति दी गई है। इसके लिए लगभग 4451 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इन सिंचाई योजनाओं से 2 लाख 36 हजार 338 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित है।
बैठक में राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत विभिन्न स्थलों पर वेलकम गेट, साइन बोर्ड लगाने तथा योजना के तहत कार्यों को पूर्ण करने के लिए और गति लाने एवं विभिन्न विभागों से आवश्यक समन्वय के साथ काम करने के निर्देश पर्यटन विभाग के अधिकारियों को दिए। बैठक में जल संसाधन, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., वित्त विभाग के सचिव अंकित आनंद, संचालक संस्कृति विवेक आचार्य सहित जल संसाधन, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अन्य अधिकारी शामिल हुए।