कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों के साथ की बैठक, जरूरी कार्य-योजना बनाने दिये निर्देश
कोरबा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर जिले में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिये विशेष अभियान चलाने की तैयारी शुरू हो गई है। अभी से बरसात के पहले तक जिले में लगभग एक हजार पॉंच सौ हेक्टेयर रकबे की फ सलों में पानी पहुॅंचाने के लिये विस्तृत कार्य-योजना अगले पॉंच दिनों में तैयार होगी। कलेक्टर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन विभाग और खनिज न्यास मद के अधिकारियों की बैठक में किसानों को खेती के लिये सिंचाई का पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने पर गहन विचार-विमर्श किया। इस बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. जयवर्धन, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री धाकड़ एवं खनिज न्यास मद की परियोजना समन्वयक श्रीमती ममता यादव भी शामिल हुई।
बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों से जिले की सभी सिंचाई परियोजनाओं से रूपांकित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई के रकबे के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जिले में सभी परियोजनाओं की कुल रूपांकित सिंचाई क्षमता 21 हजार 388 हेक्टेयर है और उनमें से केवल 13 हजार 794 हेक्टेयर क्षेत्र में ही वास्तविक सिंचाई हो पा रही है। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने रूपांकित क्षमता और वास्तविक सिंचाई रकबे के अंतर को खतम करने के लिये क्रमबद्ध वार्षिक कार्य-योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। श्रीमती कौशल ने चालू वर्ष में अगले चार महीनों में बारिश के पहले इसमें से एक हजार पॉच सौ हेक्टेयर क्षेत्र तक सिंचाई का पानी पहुॅंचाने के लिये नहरों की सफ ाई, मिट्टी बोल्डर के काम आदि शुरू करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिये। श्रीमती कौशल ने इन कामों के लिये आवश्यकतानुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट के तहत् प्रस्ताव तैयार कर तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्मित परियोजनाओं में से अधिकतम सिंचाई के लिये जरूरी सुझाव और कार्यवाही की भी योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि अधिक से अधिक किसानों को खेती के लिये सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।
कलेक्टर ने हसदेव बांगो परियोजना के डूबान क्षेत्र में बनी बुका-सतरेंगा झील से लगे गांवों में सिंचाई की सुविधा विकसित करने के लिये विस्तृत सर्वे करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। बरसात के मौसम में इस झील में जलभराव और गर्मी में पानी के उतर जाने की स्थिति को देखते हुये अधिकारियों से विस्तृत सिंचाई योजना बनाने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने बांगो बांध के इस पानी को आसपास के गांवों के क्लस्टर बनाकर सामुदायिक उद्वहन सिंचाई योजनाओं की तर्ज पर खेतों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने जैसी योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। बांगो बांध का पानी खेतों तक पहुॅंचाने के लिये सौर उर्जा चलित लिफ्ट इरीगेशन सिस्टम की स्थापना और सिंचाई के बाद खेतों में फ सलें लगाने के लिये किसानों को तैयार करने की जिम्मेदारी कृषि विभाग के अधिकारियों की होगी। सिंचाई सुविधा विकसित होने के बाद उपर्युक्त फ सलों की खेती की भी कार्य-योजना प्रस्तुत करने के निर्देश कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये हैं।