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खुलेआम गांजे की बिक्री होती है मोतीबाग चौक में

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पुलिस के द्वारा रोक नहीं लगाना पड़ेगा भारी
रायपुर।
छत्तीसगढ़ में बढ़ते गांजा तस्करी के मामलों पर चिंता व्यक्त करना बहुत ही जरुरी है। राजधानी में जिस रफ्तार से गांजा के प्रकरण पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे हैं उससे प्रतीत होता है कि यहाँ गांजे का प्रजनन केन्द्र बन चुका है । पुलिस द्वारा केवल गांजे के छोटे-मोटे तस्करो को ही पकड़ा जा रहा हैं परन्तु गांजा की खेप रूकने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना अखबारों में ज्यादातर गांजा तस्करी के प्रकरण पढ़ने को मिल रहे हैं। पुलिस भी इस दिशा में खामोश है कि आखिर गांजा आता कहां से है तथा उसका प्रजनन केन्द्र कहां है?
इसका पूरा खेल राजधानी रायपुर में ही बैठे हुए सरगना जो कि मोतीबाग चौक एवं उसके आसपास के इलाकों में अपनी पैठ जमा कर बैठे हुए हैं इनके द्वारा बेखौफ होकर इस गांजे के व्यापार का काला कारोबार खुलेआम किया जा रहा है। यूनियन क्लब के सामने राजा,गुड़िया,रानी और बल्लू नामक गांजे के बड़े तस्करों को पुलिस पकड़ने से असफल नजर आती है क्योंकि इनके द्वारा एक मोटी रकम प्रति माह थाने में धड़ल्ले से पहुंचाया जाता है इसी वजह से टीआई एवं पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों का जेब गर्म किया जाता है राजा,गुड़िया,रानी और बल्लू ऐसे कुख्यात तस्कर है कि इन्हें पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है , गोलबाजार पुलिस द्वारा खाना पूर्ति करने के लिए इनके छोटे-मोटे गुर्गों को पकड़ कर हवालात भेज दिया जाता है लेकिन इन चारो तस्करों को पुलिस पकड़ पानी में कोई रुचि नहीं दिखलाती है।
पुलिस के द्वारा इस तरह का काला कारोबार करने वाले कुख्यात तस्करों को तो तत्काल प्रभाव से राजधानी से जिला बदर करने की खास आवश्यकता है क्योंकि इनके द्वारा छोटे-छोटे बच्चों एवं युवतियों को अपने नशे के काले कारोबार में धकेला जा रहा है एवं इसके गिरफ्त में लिया जा रहा है। इन तीनों को भी जेल या फिर राजधानी रायपुर से दूर जिला बदर की कार्रवाई कर इस व्यापार पर अंकुश लगाया जा सकता है ।