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पर्यावरण व जलस्रोतों से छेड़छाड़ कर अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफियाओं को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री से होगी शिकायत…जिले में भूमाफियाओं का आतंक…भ्रष्ट व तानाशाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने प्रतिनिधमंडल ने बनाई रूपरेखा…

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मुंगेली कलेक्टर कार्यालय और SDM कार्यालय द्वारा छिपाई जा रही जानकारी…आरटीआई में जानकारी न देना संदेहास्पद…

रायपुर-मुंगेली/ प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के 25 मार्च को सरगांव में होने वाले संभावित दौरे को लेकर मुंगेली जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी हैं। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के मुंगेली जिला आगमन की बात सुनते ही जमीन दलालों-भूमाफियाओं व राजस्व से जुड़े मामलों के पीड़ितों, किसानों सहित नेताओं और पत्रकारों द्वारा मुंगेली जिले के विकास में बाधक बन रहे तानाशाह, भ्रष्ट अधिकारियों की करतूतों का बखान करते हुए मुख्यमंत्री से कार्यवाही की मांग की जाएगी। जिसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल ने रूपरेखा बनाई हैं।
आपको बता दे कि राजनीति से जुड़े भूमाफियाओं व जमीन दलालों की करतूतों से प्राकृतिक संपदाओं का अस्तित्व खतरे में हैं जिससे भुपेश सरकार की बदनामी तो हो ही रही हैं साथ ही संबंधित विभागों और अधिकारियों के खिलाफ भी जनाक्रोश बढ़ता दिख रहा हैं। जिसका असर विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता हैं।
मुंगेली अवैध कालोनाईजरों, भूमाफियाओं और जमीन दलालों के शिकंजे में है पर जिला प्रशासन द्वारा अभी इन भूमाफियाओं पर कानूनी कार्यवाही नहीं की गई हैं, बल्कि शिकायत मिलने के बाद नोटिस देकर मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया जाता रहा हैं। पर वर्तमान में फिलहाल अवैध प्लॉटिंग पर रजिस्ट्री पर रोक लगने की जानकारी मिली हैं, परंतु उसके बाद भी कुछ भूमाफियाओं द्वारा मुंगेली में अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं क्योंकि भूमाफियाओं को पता है कि आज नहीं तो कल रजिस्ट्री खुलनी ही हैं इसीलिए जहां मौका मिले वहां उस प्लॉट पर मुरुम डाल अवैध प्लाटिंग शुरू की जा रही हैं और यह निरंतर जारी हैं जिस पर अब कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता हैं, अवैध प्लॉटिंग को लेकर जिला प्रशासन के पास पर्याप्त शिकायतें पहुंच चुकी हैं। फिलहाल वर्तमान कलेक्टर राहुल देव की सक्रियता से भूमाफियाओं और जमीन दलालों में ख़ौफ़ तो देखने को मिल रहा हैं, देखना यह होगा कि यह ख़ौफ़ कब तक कायम रहता हैं।

जानकारी के मुताबिक मुंगेली में राजनीति से जुड़े भूमाफियाओं द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाते हुए तथा जलस्रोतों पर भी अवैध प्लाटिंग किया जा रहा हैं, जबकि जमीन खरीददार इस बात से अनजान है कि जलस्रोतों वाली जमीन में जमीन खरीद रजिस्ट्री भी करवा लिया गया हैं तो उसका डायवर्सन नहीं हो सकता, जिसके लिए नियम-अधिनियम, कानून-कायदे बने हुए हैं साथ ही समय-समय शासन प्रशासन द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किया गया हैं, परंतु संबंधित अधिकारियों और राजनीतिक दलों से जुड़े इन भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा इन नियम अधिनियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं ? शिकायत के महीनों बाद भी अगर कार्यवाही न हो तो संदेह होने स्वाभाविक हैं। उसी प्रकार मुंगेली कलेक्टर कार्यालय और SDM कार्यालय द्वारा जानकारी छिपाई जा रही हैं, बताया जा रहा हैं कि इसमें जमीन, अवैध प्लाटिंग संबंधी जानकारी भी हैं जिसे आरटीआई में जानकारी न देने से कई संदेह उत्पन्न हो रहा हैं। आखिर कलेक्टर कार्यालय में ऐसे कौन से अधिकारी हैं जिनके चलते जानकारी छिपाई जा रही हैं। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भी मुख्यमंत्री से शिकायत की तैयारी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली के SNG कॉलेज के बगल में ही साल भर पहले से बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा था, जब इसकी खबर पत्रकारों द्वारा प्रकाशित किया गया था एवं अधिकारियों से शिकायत की गई थी तब तत्कालीन SDM नवीन भगत ने इस अवैध प्लाटिंग पर जेसीबी चलवा मुरुमी सड़क उखड़वा कार्यवाही की गई थी, लंबे समय से इस अवैध प्लाटिंग की मुरुमी सड़क उखड़ी पड़ी हुई थी, परंतु अभी वर्तमान में अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफियाओं व जमीन दलालों का इतना दुस्साहस हो गया कि तत्कालीन SDM नवीन भगत द्वारा किये गए कार्यवाही के बाद इस अवैध प्लाटिंग में उखड़े मुरुमी रोड को पुनः सुधार/ मरम्मत कर दिया गया हैं और वेयर हाउस के बिल्डिंग के बगल से इसका रास्ता बना पुनः बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा हैं, आश्चर्य की बात तो यह कि जब तत्कालीन SDM के द्वारा कार्यवाही करते हुए जेसीबी से मुरुमी सड़क उखाड़ दिया गया था तो किसके आदेश व संरक्षण से पुनः मुरुमी सड़क बनवा दिया गया हैं, ऐसे में संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा हैं ? इसके साथ ही इस अवैध प्लाटिंग के लिए बहुत सारे हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई हैं। इसमें कड़ी कार्यवाही की आवश्यकता हैं, इसकी लिखित शिकायत भी हाल ही में हुई हैं।
इसके साथ ही एक तरफ मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा जलस्रोतों के संरक्षण को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी जनहितैषी योजनाओं को मुंगेली के अधिकारियों व भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा उनकी इन योजनाओं को ध्वस्त किया जा रहा हैं। मुंगेली में वर्तमान समय में नदी, नाले और पेड़-पौधे सुरक्षित नहीं हैं, इन प्राकृतिक स्त्रोतों को नुकसान पहुंचा, उनका दोहन कर राजनीति से जुड़े भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा आर्थिक लाभ लिया जा रहा हैं, और जमीन खरीददारों को बेवकूफ बनाया जा रहा हैं। मुंगेली के एक प्रसिद्ध खड़खड़िया नाला जो कि शिक्षक नगर से होकर गुजरती हैं उसमें भी राजनीति और सामाजिक संस्था से जुड़े लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं, यहाँ बारिश के समय बाढ़ की स्थिति भी निर्मित हो जाती हैं यहाँ किये जा रहे प्लाटिंग और रजिस्ट्री के बाद यदि मकान बनते हैं तो इससे जनहानि होने की भी संभावना हैं। उक्त मामले में लिखित शिकायत भी हो चुकी हैं, शिकायत पर कार्यवाही न होने पर कलेक्टर को स्मरण पत्र भी भेजा गया हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि मुंगेली के जलस्रोतों पर अवैध प्लाटिंग करने इन भूमाफियाओं को आखिर किस अधिकारी या जनप्रतिनिधियों का सरंक्षण हैं ? जो खुलेआम प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं ? इन सभी बातों की शिकायत प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के आगमन पर की जाने की जानकारी मिली हैं।
इन सबके अलावा राजस्व विभाग, डीएमएफ फंड, खनिज, जिला पंचायत, लोक निर्माण विभाग सहित कुछ विभागों व अधिकारियों की मनमानी, तानाशाही और भ्रष्टाचार की शिकायत भी होने की संभावना हैं।