भोपाल। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अब कुत्ते, बिल्ली, गाय बैल और अन्य पशु पालने वालों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। अब हर कुत्ते (श्वान) के रजिस्ट्रेशन के बदले नगर निकाय 150 और गाय, बैल रखने वालों से 200 रुपए सालाना राशि रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में वसूल करेंगे। यह रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए किया जाएगा और रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु का पहचान चिन्ह भी जारी किया जाएगा। नगरीय विकास और आवास विभाग ने यह व्यवस्था मध्यप्रदेश नगरपालिका (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023 में की है। यह नियम नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद सभी स्थानों पर लागू होंगे। इसमें पशुओं की जो श्रेणी तय की गई है उसमें श्वान, बैल, घोड़ा, सुअर, ऊंट, खच्चर, बकरी, भेड़ या अन्य पशु शामिल हो सकते हैं। नियमों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले हर पशु को एक ब्रांडिंग कोड दिया जाएगा जिससे उसकी पहचान और संख्या का निर्धारण हो सकेगा।
ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु चिकित्सक का सर्टिफिकेट देना होगा कि पशु को किसी तरह का संक्रामक रोग नहीं है। पशु के लिए जारी किए जाने वाले ब्रांडिंग कोड को पशु चिकित्सक की देखरेख में माइक्रोचिप या टैग या किसी अन्य साधन से पशु को लगाया जाएगा और इसकी जानकारी नगरीय निकाय के रजिस्टर में दर्ज रहेगी। एक साल बाद फिर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
आवारा छोड़ा तो लगेगी पेनाल्टी
विभाग के नए नियमों में कहा गया है कि नगरीय निकाय क्षेत्र में आवारा पशुओं के रखने के लिए कांजी हाउस पर्याप्त संख्या में होने चाहिए। आवारा भटकने वाले पशुओं को कांजी हाउस में रखा जाएगा। यदि किसी पशु मालिक का पशु दो बार से अधिक आवारा रूप से भटकते पाया जाएगा तो पशु स्वामी को सात दिन में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और इसके बाद पशु को जब्त कर पेनाल्टी वसूली जाएगी। यह नियम पशुओं के प्रदर्शन के लिए लाए जाने के मामले में भी प्रभावी होंगे।