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भूमाफियाओं की करतूतों से भुपेश सरकार कटघरे में…राजनीति से जुड़े भूमाफियाओं व जमीन दलालों की करतूतों से प्राकृतिक संपदाओं व जलस्रोतों का अस्तित्व खतरे में…भुपेश सरकार की योजना ध्वस्त…आखिर किसके संरक्षण में पनप रहे शासन को चूना लगाने वाले भूमाफिया…? मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात का इंतजार…

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रायपुर-मुंगेली / मुंगेली जिला बनने के बाद से यहाँ अवैध प्लाटिंग लगातार जारी हैं, ऐसा लगता हैं मानो मुंगेली अवैध प्लाटिंग मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा, क्योंकि जिस हिसाब से यहाँ अवैध प्लाटिंग की लगातार बढ़ोत्तरी हो रही हैं उसे देख यही लगता हैं कि कहीं न कहीं जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों का सरंक्षण प्राप्त है ? मुंगेली अवैध कालोनाईजरों, भूमाफियाओं और जमीन दलालों के शिकंजे में है, और जिला प्रशासन द्वारा कोई विशेष कार्यवाही नहीं की जा रही है, बल्कि शिकायत मिलने के बाद नोटिस देकर मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया जा रहा हैं, कुछ गिने चुने विशेष जगहों पर रजिस्ट्री पर रोक भी लगा दिया गया हैं जबकि नागरिकों व जानकारों की माने तो जिला प्रशासन द्वारा अवैध प्लाटिंग करने वालों के विरुद्ध अब कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल अभी वर्तमान में कुछ महीनों से अवैध प्लॉटिंग मुद्दा गर्माने की वजह से रजिस्ट्री में रोक लगी हुई हैं। मुंगेली में भू-माफियाओं, जमीन दलालों द्वारा शासन प्रशासन के नियमों-कायदों को नजर अंदाज करते हुये उनके ही संरक्षण में अवैध रूप से प्लाटिंग कर तथा अवैध कालोनी विकसित कर आम जनता जो बेवकूफ बनाया जा रहा हैं। शहर व ग्रामीण में गिने चुने ही है जो कालोनाईजर का लाईसेंस बनवा पाये है और वे भी टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है, और यदि टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से भी अनुमति मिल गई है तो उनके द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत, कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो नियमों की धज्जियां उड़ा है इन पर अब तक कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकी हैं, आपको बता दे कि जब भी अवैध प्लाटिंग को लेकर समाचार प्रकाशित किया जाता हैं, शिकायत होती हैं, ज्ञापन दिए जाते हैं तो फिर वहीं नोटिस देने का दौर शुरू होता हैं, कुछ दिन या महीने अवैध प्लाटिंग करने वाले शांत हो जाते हैं लेकिन बाद में पुनः अवैध प्लाटिंग में रजिस्ट्री भी हो जाता हैं, जानकारी के मुताबिक मुंगेली में राजनीति से जुड़े कुछ भूमाफिया भी हैं जो जलस्रोतों पर भी अवैध प्लाटिंग कर जमीन बेच रहे हैं, जबकि जमीन खरीददार इस बात से अनजान है कि जलस्रोतों वाली जमीन में जमीन खरीद रजिस्ट्री भी करवा लिया गया हैं तो उसका डायवर्सन नहीं हो सकता, जिसके लिए नियम-अधिनियम, कानून-कायदे बने हुए हैं साथ ही समय-समय शासन प्रशासन द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किया गया हैं, परंतु राजनीतिक दलों से जुड़े इन भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा इन नियम अधिनियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं, क्या यह संबंधित अधिकारियों को नहीं दिख रहा ? या इन अवैध प्लॉटिंग करने वालों को केवल नोटिस देकर औपचारिक कार्यवाही की जाती हैं ? या आगे भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी ? या महज कार्यवाही के नाम पर कुछ दिन होहल्ला मचाया जाएगा ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली के SNG कॉलेज के बगल में ही बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा था, जब इसकी खबर पत्रकारों द्वारा प्रकाशित किया गया था एवं अधिकारियों से शिकायत की गई थी तब तत्कालीन SDM नवीन भगत ने इस अवैध प्लाटिंग पर जेसीबी चलवा मुरुमी सड़क उखड़वा कार्यवाही की गई थी, लंबे समय से इस अवैध प्लाटिंग की मुरुमी सड़क उखड़ी पड़ी हुई थी, परंतु वर्तमान में अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफियाओं व जमीन दलालों का इतना दुस्साहस हो गया कि तत्कालीन SDM द्वारा किये गए कार्यवाही के बाद इस अवैध प्लाटिंग में उखड़े मुरुमी रोड को पुनः सुधार/ मरम्मत कर दिया गया हैं और वेयर हाउस के बिल्डिंग के बगल से इसका रास्ता बना पुनः बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा हैं, आश्चर्य की बात तो यह कि जब तत्कालीन SDM नवीन भगत के द्वारा कार्यवाही करते हुए जेसीबी से मुरुमी सड़क उखाड़ दिया गया था तो किसके आदेश व संरक्षण से पुनः मुरुमी सड़क बनवा दिया गया हैं, ऐसे में संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा हैं ? इसके साथ ही इस अवैध प्लाटिंग के लिए बहुत सारे हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई हैं।
एक तरफ मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा जलस्रोतों के संरक्षण को लेकर कई जनकल्याणकारी योजना बनाई जा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी जनहितैषी योजनाओं को मुंगेली के भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा धराशायी किया जा रहा हैं। मुंगेली में वर्तमान समय में नदी, नाले, तालाब और पेड़-पौधे सुरक्षित नहीं हैं, इन प्राकृतिक स्त्रोतों को नुकसान पहुंचा, दोहन कर राजनीति से जुड़े भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा आर्थिक लाभ लिया जा रहा हैं, और जमीन खरीददारों को बेवकूफ बनाया जा रहा हैं।
उसी प्रकार मुंगेली के एक प्रसिद्ध खड़खड़िया नाला जो कि शिक्षक नगर से होकर गुजरती हैं उसमें भी राजनीति और सामाजिक संस्था से जुड़े लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं, यहाँ बारिश के समय बाढ़ की स्थिति भी निर्मित हो जाती हैं यहाँ किये जा रहे प्लाटिंग और रजिस्ट्री के बाद यदि मकान बनते हैं तो इससे जनहानि होने की भी संभावना हैं। उक्त मामले में लिखित शिकायत होने की भी जानकारी मिली हैं। अब प्रश्न यह उठता हैं कि मुंगेली के जलस्रोतों पर गिध्द सी नजरें गड़ाये इन भूमाफियाओं को आखिर किस अधिकारी या जनप्रतिनिधियों का सरंक्षण हैं जो खुलेआम प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं ? अब देखना हैं कि मुंगेली जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं ?