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हत्या को एक्सीडेंट दिखाने के मामले में कोर्ट ने ,सब इंस्पेक्टर और आरक्षक सहित 4 को उम्रकैद की सजा सुनाई

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सागर। सागर जिले की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में यूपी के ललितपुर जिले के एक सब इंस्पेक्टर और आरक्षक सहित 4 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. पुलिस ने युवक की हत्या को एक्सीडेंट का रूप दिया था. मजिस्ट्रियल जांच पूरा मामला सामने आया और हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया था.
सागर जिले की खुरई के तृतीय अपर सत्र जज मुकेश कुमार यादव की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी को आजीवन कारावास की सजा दी. इसमें एक युवती और एक युवक बरी हुए हैं. अभियोजन की ओर से पैरवी एजीपी रामबाबू सिंह और बलबीर सिंह ने की है।
क्या है मामला
अभियोजन के अनुसार मामला सागर के मालथौन थाना क्षेत्र का है. जहां पर 13 अप्रेल 2018 को उत्तर प्रदेश के ललितपुर क्षेत्र की पुलिस और कुछ लोगों ने मालथौन थाने में आकर जानकारी दी थी कि बेसरा तिराहा के पास एक ट्रक से युवक की दुर्घटना हो गई. जिसमें एक युवक की मौत हो गई. जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि पुलिस और उन लोगों ने मिलकर ही युवक की हत्या की थी।
भागे प्रेमी की हुई थी हत्या
मामला यूपी के ललितपुर जिले के बानपुर थाने का था. यहां पर एक युवती के अपहरण का आरोप लगाते हुए शिवराम पिता प्रकाश सेन निवासी बानपुर की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिवराम सेन एक निजी स्कूल में शिक्षक था. पुलिस को तलाश करने पर युवक-युवती विदिशा जिले के गंजबासोदा में मिले. बानपुर देहात थाना के उपनिरीक्षक राजेश तिवारी और बानपुर थाने में पदस्थ आरक्षक शिवचरण सहित युवती के परिजन दोनों को वापस बानपुर ले जा रहे थे।
युवती के परिजन से चार्ली राजा परमार,राघवेन्द्र परमार शामिल थे. रास्ते में ही युवती के परिजनों ने पुलिस से मिलकर युवती के प्रेमी की हत्या करने की योजना बना ली. जिसके बाद साजिश करते हुए मालथौन थाना के बेसरा तिराहे के पास युवक शिवराम सेन की हत्या कर दी थी. साथ ही मामले को दुघर्टना साबित करने के चक्कर में सड़क पर डालकर ट्रक दुर्घटना होना बता दिया. पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में ले लिया था।
हत्या कर शव ट्रक से कुचला था
मृतक के पिता प्रकाश ने शिकायत करते हुए उक्त सभी पर हत्या का आरोप लगाकर जांच की मांग की. इस मामले में मालथौन थाना पुलिस ने जांच करने पर मौत का कारण सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि उसके पहले हत्या होना पाया. परतें खुलने पर पता चला कि उक्त सभी ने हत्या कर शव को सड़क पर डाल दिया. जिसके बाद वहां से निकल रहे ट्रक को रोक कर चालक को शव पर से निकालने का दबाब बनाया लेकिन उसने मना कर दिया और ट्रक छोड़कर भाग गया।
इसके बाद उप निरीक्षक राजेश तिवारी और आरक्षक शिवचरण ने ही ट्रक चलाकर शव को कुचल दिया था, जैसा कि जांच में आया था. पुलिस ने हत्या साबित करते हुए सभी 6 आरोपियों पर हत्या सहित साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था. इस मामले में एक के बाद एक आरोपी गिरफ्तार किये गये. इस मामले में मालथौन थाना पुलिस सहित थाना प्रभारी शकुंतला वामनिया की सराहनीय भूमिका रही. सजा सुनाते समय सभी आरोपी खुरई जेल में कैद थे।