रायपुर। ईडी की कार्रवाई के बीच भ्रष्टाचार के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई हुई है। आरोप-प्रत्यारोप के सियासी मोड पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के प्रियदर्शिनी सहकारी बैंक घोटाले के एक आरोपी के नार्को टेस्ट का वीडियो जारी किया। इसके साथ उन्होंने लिखा-हियर इज स्पेशल प्री दिवाली गिफ्ट फॉर भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह।
इस वीडियो में इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक घोटाले की कहानी और एक आरोपी उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट का वीडियोग्राफी का हिस्सा है। यह घोटाला 2007 में सामने आया था वह भी बैंक बंद होने के बाद। आरोप है कि बैंक प्रबंधन और संचालक मंडल ने 54 करोड़ रुपयों का हेरफेर कर लिया था। इस मामले में आंदोलनों के बाद एफआईआर हुई।पुलिस ने प्रबंधन से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन सभी जमानत पर बाहर आ गए। उसी दौरान पुलिस ने बैंक के प्रबंधक उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट कराया था। इसमें उसने बताया था कि मामले को दबाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित चार मंत्रियों को चार करोड़ रुपए दिए गए थे।
बैंक प्रबंधक उमेश सिन्हा ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा तत्कालीन गृह एवं सहकारिता विभाग के मंत्री रामविचार नेताम, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल का नाम लिया था। इसमें तत्कालीन डीजीपी ओपी राठौर को भी एक करोड़ रुपए दिए जाने की बात आई थी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने नार्को टेस्ट की यह सीडी कभी न्यायालय में पेश ही नहीं की। करीब पांच साल बाद 2013 में यह सीडी बाहर आई। उसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा बवाल मचा था।