रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्ववर्ती रमन सरकार की तुलना में वर्तमान भूपेश बघेल सरकार द्वारा लगातार प्रतिमान स्थापित किए जा रहे हैं। अधिक धान, अधिक किसान और अधिक दाम पर धान खरीदी की जा रही है। वर्तमान खरीफ सीजन के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 नवंबर से होनी है जिसके लिए तमाम तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। बारदानों की समुचित की उपलब्धता, कांटा-बाट का नापतोल विभाग से सत्यापन, खरीदी फड़ और चबूतरो की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। नए किसानो का पंजीयन 31 अक्टूबर 2022 तक किया जा सकता है। विदित हो कि पूर्व में पंजीकृत किसानों को पुन: पंजीयन की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान खरीफ सीजन में 31 जनवरी 2023 तक किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 62 दिन का समय मिलेगा। विगत वर्ष लगभग 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई थी और इस वर्ष लगभग 26 लाख पंजीकृत किसानों से 1 करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। रमन सरकार के 15 साल में औसत धान खरीदी लगभग 50 लाख मैट्रिक टन था।
वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के रमन सरकार के दौरान लगभग 12 लाख किसान पंजिकृत थे, 2018 में बढ़कर 16 लाख हुई, अब समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या 26 लाख अनुमानित है। यही नहीं छत्तीसगढ़ में 2018 की तुलना में लगभग 5 लाख हेक्टेयर से अधिक धान की खेती का रकबा बढ़ा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना को मिलाकर 2640 और 2660 रुपए प्रति क्विंटल धान का प्रतिफल छत्तीसगढ़ के किसानों को प्राप्त होगा जो पूरे देश में और कहीं भी नहीं है। भूपेश बघेल सरकार ने कर्जमाफी, सिंचाई कर माफी, कृषि पंपों को नि: शुल्क और रियायती दर पर कनेक्शन देने के साथ ही छत्तीसगढ़ के किसानों को फसल का सही दाम भी मिल रहा है। खरीफ सीजन की धान खरीदी में छत्तीसगढ़ के किसानों से लगभग 28 हजार करोड़ के धान खरीदी का अनुमान है।