पटना। बिहार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिक कुमार उर्फ कार्तिकेय सिंह अपहरण केस में फरार बताए जा रहे हैं। पटना पुलिस उनकी तलाश कर रही है, लेकिन वे अपने दोनों घर पर नहीं मिले। बताया जा रहा है कि कार्तिक सिंह अपने सरकारी बॉडीगार्ड्स को छोड़कर फरार हो गए हैं। राजू बिल्डर अपहरण मामले में दानापुर कोर्ट में अगली सुनवाई 19 सितंबर को है। इससे पहले उनकी जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था।
आरजेडी नेता कार्तिक कुमार सिंह नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में पिछले महीने मंत्री बने थे। नई सरकार में उन्हें कानून विभाग की जिम्मेदारी मिली। मगर मंत्री बनने के एक दिन बाद ही वे विवादों में आ गए। बताया गया कि जिस दिन वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उस दिन उन्हें अपहरण केस में कोर्ट में सरेंडर होना था। विवाद बढ़ते देख सीएम नीतीश कुमार ने कुछ दिनों बाद उनका विभाग बदल दिया। फिर कार्तिक कुमार सिंह ने खुद ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
2014 में पटना के बिहटा में हुआ राजू बिल्डर अपहरण कांड में कार्तिक सिंह आरोपी हैं। बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह भी सह आरोपी हैं। कोर्ट से कार्तिक के खिलाफ इस केस में जमानती वारंट जारी हुआ था। पिछले दिनों जब पुलिस वारंट की तामील कराने उनके पटना और मोकामा स्थित घर पहुंची, तो वे नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने अदालत में तामील का प्रतिवेदन वापस कर दिया। तब से वे फरार बताए जा रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि पुलिस लगातार पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार की तलाश कर रही है। उनके दोनों घरों पर टीमें भेजी गई लेकिन वो नहीं मिले। उन्हें पुलिस की ओर से सुरक्षा के लिए दिए गए बॉडीगार्ड्स पटना वाले घर पर ही हैं। बताया जा रहा है कि कार्तिक सिंह को अंदेशा है कि कहीं पुलिस बॉडीगार्ड्स के जरिए उनकी लोकेशन पता करके उन्हें पकड़ न ले, इसलिए वे बिना किसी को बताए गायब हो गए। पुलिस को अब अदालत से कार्तिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने का इंतजार है।