Home धर्म वर्षों बाद रामलला भगवान अपने जन्मस्थल के पास विराजे जाएंगे

वर्षों बाद रामलला भगवान अपने जन्मस्थल के पास विराजे जाएंगे

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नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। सवा सत्तर साल बाद रामलला अपने मंदिर से बाहर निकलेंगे। रामलला पास में ही बने छोटे से फाइबर मंदिर में ‘शिफ्ट’ होंगे। चिर स्थायी भव्य मंदिर बनने में तो अभी बरसों लगेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के मुताबिक वासंतिक नवरात्रों में रामलला को नए ‘मेकशिफ्ट मंदिर’ में पहुंचा दिया जाएगा। संभवतः 25 मार्च से रामलला वहीं दर्शन देंगे। 70 सालों में ये पहली रामनवमी होगी जब रामलला मूल जन्मस्थान से थोड़े अलग हटकर रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक रामलला का नया मंदिर सुरक्षा घेरे से थोड़ा नजदीक होगा। जिससे अब भक्तों के चक्कर कम होंगे और दर्शन जल्दी हो जाया करेगा। इस तरह अब दर्शनार्थियों को भी आसानी होगी। अब श्रद्धालुओं और भक्तों को एक किलोमीटर की जगह सिर्फ आधा किलोमीटर ही पैदल चलना पड़ेगा। श्रद्धालु करीब 25 फीट की दूरी से रामलला के दर्शन कर सकेंगे।
दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में आयोजित अयोध्या पर्व के समापन समारोह में चंपत राय ने कहा कि मौजूदा समय में रामलला के दर्शन 52 फीट की दूरी से एक या दो सेंकड के लिए लोग कर पाते हैं। लेकिन अब नई व्यवस्था में यह दूरी घट कर 25-26 फीट रह जाएगी।
भक्तों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बात करते हुए चंपत राय ने कहा कि भक्त एक से दो मिनट तक रामलला के दर्शन का लाभ ले सकें इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। बड़ी तादाद में एकसाथ लोग रामलला की मंगला, राजभोग, संध्या और शयन आरतियों में भी शामिल हो सकें इसका भी समुचित इंतजाम होगा।