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ऑनलाइन कोचिंग से बॉडी बिल्डर बने हरीश

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पान ठेले का संचालन करने वाले शहर के युवा ने बदल दी सोच
कोरबा।
आप अपने बच्चों को पान ठेलों के पास न जाने की हिदायत देते हैं। पान ठेले के पास बच्चों को न फटकने के पीछे उनकी सेहत बड़ी वजह होती है ताकि वे किसी लत का शिकार न हो। लेकिन पान ठेले का संचालन करने वाले शहर के युवा हरीश ने इस सोच को बदल दी है।
पिता की मर्जी पूरी करने वह दिन भर पान की दुकान चलाता हैं। पर इस बीच भी उसने कुछ उम्दा करने का जरिया ढूंढ़ लिया। इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन कोच अमिंदर सिंह से सीखकर बॉलीवुड एक्टरों की तरह न सिर्फ दमदार बॉडी बनाई, बल्कि अब पान वाले पहलवान बन गए हैं।
हरीश सोनी बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम की तरह कंधे पर बाइक लिफ्ट कर सकते हैं। हरीश के समर्पण को देखकर उनके कोच अमिंदर सिंह ने उनका नाम पान वाला बॉडी बिल्डर रख दिय।. कोरबा के अग्रसेन चौक में एक छोटी गुमटी में पान दुकान चलाने वाले देवीदत्त सोनी के वे ज्येष्ठ पुत्र है। हरीश की पहचान अब पान वाला बॉडी बिल्डर के रूप में बन गई है। परिजन की इच्छा के विपरीत हरीश ने बॉडी बिल्डर बनने की जिद 18 साल की उम्र में कर ली थी. अब 31 साल की उम्र में हरीश न सिर्फ इस क्षेत्र में सफल हुआ। उसने बता दिया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के युवा भी सफल बॉडी बिल्डर बन सकते हैं। यह शौक उसे तब लगा जब उसने वर्ष 2008 में अपने बड़े पिता के बेटे अमित सोनी को जिम जाते देखा। हरीश के आग्रह पर अमित ने भी अपने साथ जिम लेकर जाने लगे. उसके बाद से हरीश कठिन परिस्थितियों में भी इसे अब अपनी आदत में बना चुके हैं।
एक बॉडी बिल्डर को फिट रहना बहुत जरूरी है – हरिश
दिल्ली के गुरुग्राम निवासी कोच अमिंदर सिंह ने हरिश को एक साल तक ट्रेंनिंग दी। वहीं उनकी नाम की स्टोरी गूगल में अपलोड कर दी। हरिश के लगन को देखते हुए अमिंदर ने उन्हें जिम और ट्रेनिंग की सुविधा लाइफ टाइम फ्री देने की घोषणा कर दी है। हरीश बताते हैं कि बॉडी बिल्डिंग में अच्छा करियर हो सकता है। पान की दुकान एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिससे पूरे घर का खर्च चलता है। हरीश ने कहा कि एक बॉडी बिल्डर को फिट रहना बहुत जरूरी है. सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच और रात का डिनर शरीर की बनावट के हिसाब से बदलता रहता है. उन्होंने बताया कि उनकी एक तीन साल की बेटी है. अब उसका भविष्य बनाना है। इसलिए अपने खर्च में कटौती कर उसकी पढ़ाई अच्छे स्कूल में करने की तैयारी है. मालूम हो कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर की बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हरिश अपना लोहा मनवा चुके हैं।
मिला फिल्म का ऑफर
दिल्ली की एक कंपनी ने गूगल पर उनकी स्टोरी देखकर उनसे संपर्क किया और मोटिवेशन फिल्म के लिए ऑफर दिया। कंपनी ने देशभर से इस तरह की 200 स्टोरी चुनी थी। इसमें हरीश का संघर्ष शार्ट फिल्म के लिए चुना गया. मुंबई में हरीश ने 7 दिन बिताए, अपनी पूरी आत्मकथा फिल्म के लिए दी। जिद्दी टाइटल नामक इस फिल्म को यू ट्यूब पर अब तक 9 मिलियन लोग देख चुके है। हरीश ने कहा कि यह उनके लगन और निष्ठा का ही परिणाम है कि लोगों का स्नेह मिला। हरीश के परिजनों का कहना है कि बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग का शौक उन्हें रहा. घर में पिता ने पहले मना किया था, फिर अब सभी सहयोग करते आ रहे है। हरिश की पत्नी रानी का कहना है कि उनके डाइट का भी विशेष ध्यान परिवार रखता है।