भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गाँधी सागर डेम और कोटा बैराज से चंबल नदी में काफी मात्रा में लगातार पानी छोड़ने से चंबल नदी में आई बाढ़ में फँसे लोगों की जिंदगी बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। जहाँ भी लोग बाढ़ में फँसे है, वहाँ लगातार रेस्क्यू कर उन्हें बचायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हेलीकॉप्टर की आवश्यकता होगी, तो दो हैलीकॉप्टर की व्यवस्था भी की गई है, जो गुरूवार को आ जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी बाढ़ प्रभावित लोगों को कैम्प में लाया गया है, उन्हें चाय, नाश्ता, भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की जाये। बीमार लोगों का कैम्प में ही उपचार किया जाये।
मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को देर रात्रि मुरैना में चंबल नदी में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिये चलाये जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वर्चुअल जुड़े केन्द्रीय कृषि, किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इतनी वर्षा होने के बाद भी पगारा, कोतवाल डेम सहित कई तालाब खाली है। उन्होंने कहा कि चंबल के बढ़ते पानी को अगर इन डेमों की ओर डायवर्ड कर दिया जाये तो शायद चंबल में बाढ़ की स्थिति नहीं बनेगी। इसके लिये दीर्घगामी योजना बनाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चंबल में बाढ़ की समस्या प्रतिवर्ष की है। चंबल के किनारे रहने वाले अगर सहमत हो जाये, तो उन्हें सरकारी जमीन पर बसाया जा सकता है। इसके लिये भी कार्य-योजना बनाई जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के कलेक्टर्स से कहा कि अगर चंबल में पानी का जल-स्तर बढ़ता है, तो हर परिस्थिति से निपटने के लिये तैयार रहें। एन.डी.आर.एफ. और एस.डी.आर.एफ. की टीम आवश्यकतानुसार रेस्क्यू अभियान चलाये। जहाँ वोट उपलब्ध है, उनसे लोगों को निकाला जाये। उन्होंने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि लोगों की जिंदगी न जाने पाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ का ज्यादा सकंट राजगढ़, विदिशा, गुना में रहा। इन जिलों में रेस्क्यू अभियान चलाकर सभी की जान बचाई गई। सभी को सुरिक्षत निकाला गया। मुख्यमंत्री ने सभी जन-प्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस सकंट की घड़ी में लोगों की मदद करें। नये पंच, सरपंच, जन-प्रतिनिधि भी पूरी मदद करें।
प्रमुख सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा ने आगामी समय में गांधी सागर और कोटा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरूवार तक बाढ़ की स्थिति नॉर्मल हो जायेगी। गांधी सागर के सभी गेट बंद कर दिये गये है।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बैठक में वर्चुअल जुड़ कर बताया कि खतरे के निशान से पानी कितना बढ़ने पर कितने गाँव प्रभावित होंगे, इसका विश्लेषण कर कलेक्टर्स को अवगत कराया जा रहा है।
मुरैना कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने बताया कि चंबल नदी का राजघाट पर खतरे का जल-स्तर 138.0 मीटर है। वर्तमान में चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर 142.60 मीटर पर चल रही है। चंबल का जलस्तर अत्याधिक बढ़ने से 40 ग्राम मजरा टोले के 718 लोग बाढ़ से प्रभावित हुये है। इन सभी को विस्थापित करने 16 जन-राहत शिविर लगाये गये है। शिविरों में भोजन, पानी, पशुओं के लिये चारा आदि की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक शिविर में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, टीकाकरण की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर कार्तिकेयन ने बताया कि अम्बाह तहसील के वीलपुर के बिस्सा का पुरा, कंचनपुरा, डैकूरियन का पुरा तथा घेर बाढ़ प्रभावितों को नवीन हाईस्कूल कुथियाना में विस्थापित किया है। पोरसा तहसील के रतनबसई, सुखध्यान का पुरा, इन्द्रजीत का पुरा, नयापुरा (उसेथ), खुडो, बीजला (उसेथ), बिरजा पुरा (बर्रेड), छऊआ पुरा (बर्रेड), वेदपुरा (सिंगरौली), होरावरा (तिंदोखर) इन गाँवो के बाढ़ प्रभावितों को शासकीय माध्यमिक विद्यालय रतनबसई, शासकीय प्राथमिक विद्यालय नयापुरा हाईस्कूल बड़फरा, शासकीय हाईस्कूल बर्रेड, शासकीय माध्यमिक विद्यालय संगरोली में विस्थापित किया है।
जौरा तहसील के 11, सबलगढ़ तहसील के 8 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुये है। कई गाँव में रेस्क्यू टीम द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि अगर चंबल का जल-स्तर 147 तक पहुँचता है तो इससे निपटने के लिये पूरी तैयारी की गई है।
श्योपुर कलेक्टर शिवम वर्मा ने जानकारी दी कि पार्वती नदी में जलस्तर कम हो रहा है तथा चंबल नदी में जलस्तर स्थिर है। कोटा बैराज से छोडे जा रहे पानी की मात्रा कम करने से इसका असर आगामी कुछ समय में दिखेगा। उन्होंने बताया कि पार्वती एवं चंबल नदी के किनारे बसे 39 ग्रामों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये है। जिला प्रशासन एवं पुलिस की टीमें भी लगातार निगरानी कर रही है। राहत कैम्प चलाये जा रहे है। एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है तथा अधिकारी एवं मैदानी टीमें रातभर गाँव में रूक कर राहत कार्य चला रही है।
उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज सिंह कंषाना, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज डंडोतिया सहित जन-प्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।