नई दिल्ली। इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित स्टील या ‘मेड इन इंडिया’ स्टील को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता सर्वोच्च प्राथमिकता है।
भारतीय खनिज और धातु उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि घरेलू इस्पात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है, जिसका परिव्यय 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
उन्होंने कहा कि भारत शुद्ध आयातक से अब स्टील का शुद्ध निर्यातक बन गया है।
सिंधिया ने आगे कहा, “पिछले आठ वर्षो में, इस्पात क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं, जिसके कारण भारत की उत्पादन क्षमता 2013-14 में 1.2 करोड़ टन से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 15.4 करोड़ टन हो गई है।”
यहां तक कि स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 57 किलोग्राम प्रति व्यक्ति से बढ़कर 78 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है।
सिंधिया ने इस्पात क्षेत्र में उच्च कार्बन उत्सर्जन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2030 तक इन स्तरों को 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक कम करने की आवश्यकता है।