रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा पिछले सप्ताह धमधा के धौराभाटा से समाचार मिला है कि वहाँ गाँव मे डायरिया का संक्रमण वृहद स्तर पर फैला है जिससे काफी ग्रामीण प्रभावित हुए है तथा गांव में सरपंच व अन्य ग्रामीणों ने बैठक कर हर घर से चार सौ रुपये चंदा लिया और इस प्रकार 210 घरों से चौरासी हजार रुपये एकत्र किये तथा उन पैसों से गांव को डायरिया से ठीक करने के लिए उपचार कराने के बदले एक बैगा को दैवीय प्रकोप ठीक करने के लिए बुलाया। उस बैगा ने गांव को तंत्र मंत्र से बांधने के लिए अनुष्ठान की तथाकथित प्रक्रिया पूरी की जो कि विश्वसनीय नहीं है. पूरी तरह से अंधविश्वास का मामला है। डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा बरसात के मौसम में संक्रामक रोग तेजी से फैलते हैं, इस बार भी कुछ गांवों से जल प्रदूषण से डायरिया, संक्रमण से बुखार, सर्दी खांसी के मामले आ रहे हैं और उपचार और सावधानियां रखने से लोग ठीक हो रहे हैं।
जादू – टोने जैसी मान्यताओं का कोई अस्तित्व नहीं है तथा कोई महिला टोनही नहीं होती। पहले जब बीमारियों व प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में जानकारी नहीं थी तब यह विश्वास किया जाता था कि मानव व पशु को होने वाली बीमारियां जादू-टोने ,मन्त्र पढ?े से से होती है। बुरी नजर लगने से, देखने से लोग बीमार हो जाते है तथा इन्हें बचाव के लिए गांव, घर को तंत्र-मंत्र से बांध देना चाहिए तथा ऐसे में कई बार विशेष महिलाओं पर जादू-टोना करने का आरोप लग जाता है वास्तव में बरसात के मौसम में से वातावरण का तापमान अनियमित रहता है, उमस, नमी के कारण बीमारियों को फैलाने वाले कारक बैक्टीरिया, फंगस वायरस अनुकूल वातावरण पाकर काफी बढ़ जाते है।पेय जल, भी प्रदूषित हो जाता है अनेक स्थानों में बाढ़ की भी स्थिति रहती है। इस समय विश्व में कोरोना के संक्रमण का प्रकोप है जिससे बचाव के लिए भी सावधानी रखना आवश्यक है ,मास्क पहिनने, बार बार हाथ धोने ,आपसी दूरी बनाए रखने सोशल डिस्टेन्स बनाये रखने से कोरोना और दूसरी संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है वही दूसरी ओर गंदगी, प्रदूषित पीने के पानी, भोज्य पदार्थ के दूषित होने, मक्खियां, मच्छरो के बढने से बीमारियां एकदम से बढ?े लगती हैं जिससे गांव, गांव में आंत्रशोध, पीलिया, वायरल फिवर,डेंगू, मलेरिया के मरीज बढ़ जाते है तथा यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया हो तो पूरी बस्ती ही मौसमी संक्रामक रोगों की शिकार हो जाती है।जैसा कि धौराभाटा व कुछ अन्य ग्रामों में हुआ वहीं हाल फसलों व पशुओं का भी होता है, इन मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पीने का पानी साफ हो, भोज्य पदार्थ दूषित न हो, गंदगी न हो, मक्खिंया, मच्छर न बढ़े,जैसी बुनियादी बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां रखने से लोग पशु कोरोना तथा अन्य संक्रमणों व बीमारियों से बचे रह सकते है। इस हेतु किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र से घर, गांव बांधने की आवश्यकता नहीं है। साफ-सफाई अधिक आवश्यक है, इसके बाद यदि कोई व्यक्ति इन मौसमी बीमारियों से संक्रमित हो तो उसे फौरन चिकित्सकों के पास ले जाये, संर्प दंश व जहरीले कीड़े के काटने पर भी चिकित्सकों के पास पहुंचे। बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई, पानी को छानकर, उबालकर पीने, प्रदूषित भोजन का उपयोग न करने तथा गंदगी न जमा होने देने जैसी बातों पर लोग ध्यान देंगे तथा स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहेंगे तो तंत्र-मंत्र से बांधनें की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बीमारियों खुद-ब-खुद नजदीक नहीं फटकेंगी, मक्खिंया व मच्छर किसी भी कथित तंत्र-मंत्र से अधिक खतरनाक है।
डॉ. मिश्र ने कहा कि सुनी सुनायी बातों के आधार पर अफवाहें एवं भ्रम फैलता है, वास्तव में ऐसा कुछ भी चमत्कार न हुआ है और न संभव है। इसलिये किसी भी को ग्रामीण को कथित जादू-टोने के भ्रम व भय में नहीं पडना चाहिए।