भोपाल। संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा है कि भारत जैसी देवभूमि विश्व में कहीं नहीं है। यह देवभूमि ईश्वर ने बनाई है। यहाँ कण-कण में शंकर और बूंद-बूंद में गंगाजल है। मंत्री सुश्री ठाकुर रवीन्द्र भवन में “आज़ादी का महापर्व” कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि भारत को 21वीं सदी का विश्व-गुरु बनाना है, तो यहाँ के वास्तविक इतिहास को जानना आवश्यक है।
मंत्री सुश्री ठाकुर ने सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने घर की बैठक में एक वीर क्रांतिकारी या महापुरुष का चित्र अवश्य लगाएँ। यह चित्र परिवार के चित्त की वृत्ति का निर्माण करेगा। भारत माँ के वीर सपूतों और क्रांतिकारियों को घर में स्थान देना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मंत्री सुश्री ठाकुर ने उपस्थित सभी लोगों को देश भक्ति की प्रतिज्ञा भी दिलाई।
मंत्री सुश्री ठाकुर ने भारतवर्ष की अक्षय कीर्ति गाथा पर केन्द्रित फिल्म श्रंखला “भारत विक्रम” का लोकार्पण और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर केंद्रित “ज़रा याद करो कुर्बानी” एवं उज्जैन के राजा विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा बनाई गई “भारतीय ऋषि वैज्ञानिक” चित्र प्रदर्शनी का शुभारम्भ भी किया। साथ ही धर्मपाल शोध पीठ द्वारा प्रकाशित पुस्तक “रिडिस्कवरिंग इंडिया” का लोकार्पण भी किया।
प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों और क्रांतिकारियों को विनम्र श्रद्धांजलि स्वरूप किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व ने आजादी के अमृत महोत्सव और “हर घर तिरंगा” अभियान को जन-जन का अभियान बना दिया। प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शासन के विभिन्न विभागों, विशेषकर संस्कृति विभाग ने पिछले डेढ़ साल में 3200 से अधिक कार्यक्रम किए हैं।
मुंबई के प्रख्यात गायक शान ने “मध्यप्रदेश गान” गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत गाकर उपस्थित सभी लोगों के मन में जोश भर दिया। “भारत हमको जान से प्यारा है” और “ए वतन मेरे वतन आबाद रहे तू” जैसे देशभक्ति गीतों की संगीतमयी प्रस्तुति को सुनकर दर्शक अपने आप को गुनगुनाने से नहीं रोक सके।
इस अवसर पर आयुक्त पुरातत्व श्रीमती शिल्पा गुप्ता और संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में सुधी श्रोता उपस्थित थे।