जगदलपुर। बस्तर जिले में वैधानिक रूप से जिन बच्चों को गोद दिया जाता है, उसकी तीन कैटेगरी है। पहला अनाथ, दूसरा परित्यक्त और तीसरा सरेंडर जिसके तहत विगत तीन वर्ष में 24 बच्चों को गोद लेने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों के साथ ही विदेशों से आॅनलाइन आवेदन आया था। जिसके तहत इन 24 बच्चों का लालन-पालन अमेरिका से लेकर यूपी, एमपी और गुजरात के साथ ही अन्य राज्यों के लोगों द्वारा किया जा रहा है। अब तक किसी भी बच्चे के लालन पालन को लेकर कोई शिकायत महिला बाल विकास विभाग और जिला बाल संरक्षण को नहीं मिली है। आवेदन के माध्यम से जिन बच्चों को गोद दिया गया है उसकी पूरी जानकारी इन दोनों विभाग द्वारा रखी जा रही है।
जिला बाल सरंक्षण अधिकारी विजय शर्मा ने बताया कि विधानसभा में इस विषय को उठाये जाने के बाद विगत तीन वर्ष में 24 बच्चों को गोद दिए जाने के आंकड़े सामने आए। उन्होने बताया कि बच्चों को गोद लेने को लेकर लोगों ने किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया। सभी ने अपनी मर्जी से बच्चों को गोद लिया था। जिन 24 बच्चों को गोद लिया गया उसमें 13 लड़के और 11 लड़कियां थी। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां के बच्चों को अमेरिका और देश के अलग-अलग राज्यों के लोग गोद ले रहे हैं। इसके चलते आने वाले दिनों में बच्चों को गोद लेने वाले लोगों की कमी नहीं होने की पूरी संभावना है। 24 बच्चों में दो बच्चों को अमेरिका के माल्टा और कनाडा में रहने वाले लोगों ने गोद लिया है।
विजय शर्मा ने बताया कि गोद लेने के लिए कारा की वेबसाइट पर आवेदन किए जाते हैं। सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की टीम आती है। उसके बाद वह एडॉप्शन की प्रक्रिया को पूरा कराती है। एडॉप्शन की प्रक्रिया में एक से डेढ़ साल का वक्त लगता है। जिन बच्चों को गोद दिया जाता है उसकी तीन •ैटेगरी है। पहला अनाथ, दूसरा परित्यक्त और तीसरा सरेंडर है।