रायपुर। दक्षिण बस्तर में हो रही बारिश भी कहर बनने लगी है। नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। पहाड़ों से लगातार पानी आने के चलते धमतरी स्थित गंगरेल डैम 91 फीसदी तक भर गया है। डैम के कुछ गेट खोले जा रहे हैं। ऐसे में महानदी के किनारों के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकता है।
कांकेर में भी रात से लगातार बारिश हो रही है। इसके कारण कांकेर के साथ ही चरामा और केशकाल से लगातार पानी आने से महानदी का जल स्तर बढऩे लगा है। गंगरेल डैम भी फूल होने की स्थिति में है। बताया जा रहा है कि 76 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। इसे देखते हुए रायपुर से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। उनके आने के बाद बांध के गेट खोले जाएंगे। अभी के अनुमान के मुताबिक, 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा।
डैम से पानी छोड़ जाने का असर धमतरी के साथ ही रायपुर, गरियाबंद और बलौदाबाजार में भी पड़ेगा। ऐसे में प्रशासन ने महानदी के किनारे बसे गांवों को अलर्ट कर दिया है। ग्रामीणों से नदी किनारे और उसके आसपास जाने से रोका जा रहा है। इसे लेकर जिले के स्क्क और अन्य पुलिस अफसरों को सूचित किया गया है। उनसे कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर व्यवस्था करें। किसी भी तरह से जान या माल का नुकसान न हो पाए।
वहीं बारिश के चलते लैंड स्लाइड का खतरा बढऩे लगा है। कांकेर-रायपुर नेशनल हाईवे पर चरामा के आगे मरकटोला घाट में रविवार सुबह चट्टान टूटकर गिरी है। इसके चलते मार्ग पर जाम लग गया। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ है। सूचना मिलने पर चट्टान को हटाकर रास्ता साफ कराया गया है। इससे पहले भी यहां पत्थर गिरते रहे हैं। इसके अलावा चारामा के कुरुर्भाठ मार्ग को जोडऩे वाली सड़क बह गई है। इसे कई गांवों का संपर्क कट गया है।