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नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहे नगर पालिका के अधिकारी… क्या किसी बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने की चल रहीं है प्लानिंग…? नपा के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध…

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स्वतंत्र तिवारी – 9752023023

रायपुर-मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा किये गए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं ने प्रदेश में मुंगेली की एक अलग ही छबि बना दी हैं, हालात यह हैं कि किसी भी कार्ययोजना, निर्माण-मरम्मत कार्यो में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार करना सामान्य बात हो गई हैं। भ्रष्टाचार मामले में मुंगेली नगर पालिका आये दिन प्रदेश में सुर्खियों में रहती हैं, जिसके चलते नाली घोटाले में कइयों ने जेल-यात्रा भी की हैं और नाली घोटाले के आरोपी तत्कालीन CMO अभी तक फरार हैं, साथ ही करीब 2 करोड़ का गार्डन भ्रष्टाचार मामला भी हाईकोर्ट में अंतिम निर्णय स्तर पर हैं। भ्रष्टाचार का एक और मामला नगर पालिका से ही पनपा हैं जिसमें बीआर साव स्कूल परिसर में कॉम्प्लेक्स निर्माण मामला भी मुंगेली की जनता नहीं भूली हैं, साथ ही अभी हाल ही में जानकारी मिली हैं कि मुंगेली में अवैध प्लाटिंग में भी पाईप लाईन बिछाया गया हैं, जबकि एक तत्कालीन सीएमओ एवं पार्षदों द्वारा इसमें आपत्ति भी की गई थी, बावजूद इसके अवैध प्लाटिंग में पाईप लाइन बिछाया गया हैं, जिसके भुगतान रोकने और रिकवरी कर कार्यवाही करने मुख्यमंत्री से मांग करने और न्यायालयीन कार्यवाही करने की बात समाजसेवकों द्वारा कही जा रही हैं। ऐसा लगता हैं मानों नपा के अधिकारी-कर्मचारी पूर्व की घटनाओं से कोई सबक या सीख नहीं लेना चाहते, साथ ही मुंगेली में नगर पालिका के बिना अनुमति के कई निर्माण कार्य जोरों पर हैं जिससे शासन और नगर पालिका को राजस्व क्षति हो रही हैं।
अभी हाल ही में कुछ सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ताओं का कहना हैं कि मुंगेली नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी नपा में अपनी मनमानी कर रहे हैं, क्योंकि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारियों को समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, जिससे आवेदकों द्वारा प्रथम अपील भी की गई हैं, प्रथम अपील के बाद भी प्रथम अपीलीय अधिकारी व नगर पालिका मुंगेली के अधिकारियों द्वारा जानकारी न देना कई संदेहों को जन्म देता हैं। क्या अधिकारियों को कोई भ्रष्टाचार के खुलासे होने का डर हैं ? सवाल यह उठता हैं कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारियां देने नगर पालिका के जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी/CMO क्यों कतरा रहे हैं ? ये इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं ? प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा सुनवाई की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। ऐसे में ऐसा लगता हैं मानों उन्हें जानकारी देने रोका जा रहा ? या कोई और अनियमितता/भ्रष्टाचार का खुलासा होने का इन्हें डर हैं ? इन सभी बातों का जवाब लापरवाही बरतने वाले ये अधिकारी-कर्मचारी ही दे सकते हैं।
आपको यहाँ बताना आवश्यक हैं कि कुछ शिकायतों व मामलों की फाइलें पूर्व/तत्कालीन सीएमओ के पास हैं जो वर्तमान में नाली घोटाले मामले में फरार हैं जिसके चलते उन मामलों में जांच एवं कार्यवाही पेंडिंग हैं।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के लिये आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा नगर पालिका कार्यालय मुंगेली में जनसूचना अधिकारी के समक्ष सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाया था, उसके द्वारा जानकारी नहीं दी गई, फिर प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा भी प्रथम अपील करने पर जानकारी नहीं दी गई, जिसके बाद राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील किया गया हैं। बहरहाल आश्चर्य की बात तो यह हैं कि नपा के अधिकारियों द्वारा मांगे गए जानकारियों को क्यों छुपाया जा रहा हैं, क्या इसमें भी कोई बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे का इन अधिकारियों को डर हैं ?
या अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम देने की कोई प्लानिंग की जा रही हैं ? मुंगेली नपा के अधिकारियों द्वारा RTI के तहत जानकारी न देने से ऐसा प्रतीत होता हैं।