मुंगेली/ राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद से पीसीसी द्वारा नए कार्यकारिणी गठन की कवायद तेज हो गई हैं। नगरीय और पंचायत चुनाव के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सभी जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज कर दी गई हैं, कुछ गिने-चुने जिलाध्यक्षों को चुनावों में हुए परफॉर्मेंस के आधार पर पुनः नियुक्ति की जाने की संभावनाएं हैं, पर जहाँ विधानसभा, लोकसभा, नगरीय या पंचायत चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में अच्छा परफॉर्मेंस नही हुआ है वहाँ जिलाध्यक्षों का बदलना तय माना जा रहा।
मुंगेली जिले की बात करें तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा यहाँ एक नया प्रयोग करने के उद्देश्य से नए जिला अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी गई हैं.. प्रदेश कांग्रेस स्तर के नेताओं के अनुसार मुंगेली जिले में मुख्य रूप से जिलाध्यक्षों के प्रबल दावेदारों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता थानेश्वर साहू, पूर्व पार्षद संजय जायसवाल और स्वतंत्र मिश्रा, शामिल माने जा रहे, हालांकि ये तीनों वरिष्ठ कांग्रेसी और कद्दावर राजनेता माने जाते हैं। साथ ही इन दावेदारों ने जिलाध्यक्ष पद हेतु अपनी-अपनी जोर आजमाइश शुरू कर दी। एक ओर जहाँ विपक्षी सरकार के समय से दो बार के पार्षद रहे संजय जायसवाल ने इस बार न ही पार्षद का टिकट मांगा और न ही चुनाव लड़ा, जिससे ऐसी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि उन्हें आलाकमान से आश्वस्त किया गया होगा ? ऐसे में उनके जिलाध्यक्ष बनने की सम्भावना अधिक है, वही दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेस नेता थानेश्वर साहू गृहमंत्री के काफी करीबी माने जाते हैं जिससे चलते जिलाध्यक्ष बनने उनका पक्ष भी बहुत मजबूत माना जा रहा हैं, साथ ही लम्बे समय से कांग्रेस से जुड़े स्वतंत्र मिश्रा भी पार्टी के लिए शुरू से ही समर्पित हैं और संगठन और प्रदेश स्तर के नेताओं से उनका अच्छा खासा सम्पर्क होने की वजह से उनकी दावेदारी को कम नही आंका जा सकता। इन तीनों कद्दावर नेताओं की दावेदारी से ये बात तो लगभग तय माना जा रहा कि मुंगेली का जिलाध्यक्ष इन तीनों नेताओं में ही सेलेक्ट किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिनों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पार्टी आलाकमान के द्वारा तय की जा सकती हैं ? राजधानी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व पार्षद संजय जायसवाल का नाम जिलाध्यक्ष की दौड़ में सबसे पहले हैं, अब देखना हैं कि जिलाध्यक्ष पद पर किसके नाम पर मुहर लगती हैं