बालोद। बालोद जिले के स्वास्थ्य विभाग ने रेबीज नामक बीमारी से लड़ने अच्छा काम किया है। जिसके लिए इसे प्रदेश में पहला स्थान मिला है। बालोद में रैबीज के इलाज के लिए अब चमड़ी के अंदर चार टीके लगाए जाते हैं और रैबीज का इलाज होता है।
जिले को स्वास्थ्य विभाग को यह एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। रेबीज नामक बीमारी से लड़ने के लिए जहां पहले 17 टीके, उसके बाद 14 टीके लगाए जाते थे। वहीं अब बालोद एक ऐसा जिला है जहां चमड़ी के अंदर चार टीके लगाए जाते हैं। रैबीज का पूरा इलाज होता है। रैबीज से लड़ने में बालोद चार टीकों से रैबीज नामक बीमारी का इलाज करने वाला बालोद प्रदेश के अव्वल जिले में शामिल हो गया है। इसकी उपलब्धि के साथ ही प्रदेश सरकार काफी खुश है और इसका अध्ययन करने के लिए 9 छात्रों की टीम बालोद जल्द ही आने वाली है। जो यहां रहकर इस प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। बता दें कि भारत सरकार से नई गाइडलाइन आई थी, जिसे फॉलो करने के मामले पहले नंबर पर रहा। रेबीज के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित डॉ उमेश भारती ने भी इसकी सराहना की है। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार इस नई तकनीक से वैक्सीन की खपत भी कम होती है और ज्यादा प्रभावी ढंग से इलाज संभव हो पाता है।
भारत सरकार से नई गाइडलाइन आई थी जिसे फॉलो करने के मामले में बालोद ने प्रदेश में अव्वल स्थान हासिल किया है रेबीज के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित डॉ उमेश भारती ने काफी सराहना की थी अब 09 विशेषज्ञ छात्र यहां अध्ययन करने आएंगे जो एमडी मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार इस नई तकनीक से वैक्सीन का खपत भी कम होता है और ज्यादा प्रभावी ढंग से इलाज संभव हो पाया है।