रायपुर–मुंगेली/ मुंगेली में किये जा रहे अवैध प्लाटिंग के गोरखधंधे के जरिये जमीन खरीददारों को कम रेट में जमीन दिलाने का वादा कर, उन्हें जमीन दिखाकर उनसे बयाना के तौर पे पहले कुछ राशि ले ली जाती हैं और सामान्य रूप से एक कागज में लिखकर दे दी जाती हैं, संबंधों के आधार पर कुछ जमीन ग्राहक मौखिक को ही मान लेते हैं, परंतु जमीन खरीददारों द्वारा पतासाजी करने के बाद में यह मालूम चलता हैं कि वह जमीन उसके नाम पर ही नहीं हैं जिसके बेचने या सौदा के लिए संबंधित भूमाफिया या जमीन दलाल द्वारा बयाना लिया गया हैं, ऐसा ही कुछ किस्से मुंगेली में सुनने को मिल रहे हैं जहाँ पर गरीब व्यक्ति के साथ-मध्यम वर्गीय भी जमीन दलालों के झांसे में आ गए हैं, और भूमाफियाओं और जमीन दलालों द्वारा खरीददारों को जमीन दिखाया गया और उनसे बयाना की राशि ले लिया गया, कुछ लोगों ने संबंध के आधार पर मौखिक को ही आधार माना, बाद में जब जमीन की निर्धारित रकम देने का समय आया तो खरीददारों द्वारा जमीन के संबंध में पतासाजी की गई, जहाँ उन्हें पता चला कि जिस जमीन के लिए उन्होंने बयाना दी हैं वह किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर हैं जिस पर उसने जमीन दलाल और भूमाफिया से संपर्क कर बयाना रकम वापस करने की बात कही, पहले तो भूमाफिया और जमीन दलाल द्वारा टाला गया, बाद में बयाना की राशि वापस करने की मंजूरी दे भी दी परंतु उसके बाद भी अभी तक पीड़ितों को उसका बयाना राशि नहीं लौटाई गई हैं, जिससे पीड़ित बहुत परेशान हैं और जमीन दलालों के चक्कर काट रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बयाना रकम न मिलने पर पीड़ितों द्वारा जल्द ही कलेक्टर एवं पुलिस से लिखित शिकायत की जा सकते हैं।
मुंगेली जिलावासी ये समझ नहीं पा रहे हैं कि यहाँ अवैध प्लाटिंग आखिर क्यों नहीं रुक रहा ? और प्रशासन द्वारा केवल नोटिस थमा औपचारिकता पूर्ण कर लिया जाता हैं, जबकि अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफियाओं और जमीन दलालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की आवश्यकता हैं। मुंगेलीवासियों ने नए कलेक्टर के ऊपर विश्वास जताया हैं कि उनके द्वारा अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।