रायपुर-बिलासपुर/ शिक्षातंत्र पर कालिख पोतने डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय ने कोई कसर नहीं छोड़ी हैं, फर्जी डिग्रियों के कारोबार में लिप्त इस यूनिवर्सिटी पर शासन-प्रशासन को कोई दवाब या भय नहीं हैं, जिसके कारण सीवी रमन यूनिवर्सिटी अपनी मनमानी कर रहा हैं, सीवी रमन यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्री बेचने सहित कई आरोप लगे हैं जिसके चलते थाना कोटा में कुलपति संतोष चौबे, तत्कालीन कुलसचिव शैलेश पांडेय सहित अन्य के खिलाफ भी अपराध दर्ज हो चुका हैं, साथ ही उच्च न्यायालय में सीवी रमन यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्रियों के मामले में याचिका लगाई गई हैं जो अभी लंबित हैं। सीवी रमन यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री बेचने और आबंटित संख्या, सीट से ज्यादा संख्या में जारी मार्कशीट के कई काले कारनामे जगजाहिर हैं जिसकी समय-समय पर शिकायत भी हुई हैं।
जानकारों की माने तो वर्तमान में फर्जी डिग्रियों के दम सीवी रमन यूनिवर्सिटी अपने पांव इतने पसार चुका हैं कि अब उस पर लगाम लगाना इतना आसान नहीं, पर कहावत हैं न कि ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती, जिस दिन सीवी रमन यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्यवाही की शुरुआत हुई उसके बाद इस यूनिवर्सिटी का अंत होना निश्चित हैं, लाखों-करोड़ों के विज्ञापनों के दम पर सीवी रमन यूनिवर्सिटी अपनी इतनी झूठी साख बनाया रखा हैं कि इस यूनिवर्सिटी में बड़े से बड़ा कांड या अपराध हो जाये कोई मीडिया शायद ही उस मुद्दे को उठाये। इसका उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब सीवी रमन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव गौरव शुक्ला और डिस्टेंस डायरेक्टर अरविंद तिवारी के खिलाफ स्टाफ की ही महिला प्रोफेसर से छेड़छाड़ करने का अपराध दर्ज हुआ था, और उन्हें फरार होने पड़ा था, भले ही वे दोनों अभी सशर्त जमानत पर हैं। इस खबर को 99% पत्रकारों और मीडिया ने छिपाए रखा।
आपको बता दे कि कोई भी व्यक्ति सीवी रमन यूनिवर्सिटी में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगा जानकारी मांगता हैं तो डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय कोटा द्वारा पत्र भेज कह दिया जाता हैं कि डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय निजी क्षेत्र का स्ववित्तपोषित शैक्षणिक संस्थान है जो केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, यूजीसी अथवा किसी सरकारी संस्थान से किसी भी प्रकार का कोई वित्तीय अनुदान एवं अन्य सहायता प्राप्त नहीं करता है। इस प्रकार यह विश्वविद्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत नहीं आता। अतः उक्त अभाव में सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी प्रेषित नहीं की जा सकती, और आवेदक को मूल आवेदन वापस भेज दिया जाता हैं।
अभी हाल ही में एक मामला सामने आया हैं जिसमें मुंगेली निवासी अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा दिनांक 30.07.2021 को जनसूचना अधिकारी डॉ.सी वी रमन विश्वविद्यालय कोटा जिला बिलासपुर के पास 5 आवेदन सूचना के अधिकार के तहत लगाए गए थे, निर्धारित समयावधि में जानकारी न मिलने पर अधिवक्ता द्वारा दिनांक 29.09.2021 को पांचों आवेदनों की प्रथम अपील डॉ.सीवी रमन विश्वविद्यालय कोटा के प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास नियमानुसार किया गया। परंतु उसके बाद भी प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा प्रथम अपील का जवाब नहीं दिया गया और न ही आवेदन पर कोई सुनवाई की गई जो कि जनसूचना अधिकारी के साथ-साथ प्रथम अपीलीय अधिकारी की लापरवाही को दर्शाता है। प्रथम अपील के बाद भी आवेदक स्वतंत्र तिवारी को निर्धारित समयावधि में डॉ.सी वी रमन विश्वविद्यालय कोटा के प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा जानकारी न देने पर दिनांक 24.12.2021 को आवेदक स्वतंत्र तिवारी द्वारा द्वितीय अपीलीय अधिकारी छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग रायपुर में पांचों आवेदनों की द्वितीय अपील की गई। जिसके बाद दिनांक 03.03.2022 को स्टाफ ऑफिसर छ.ग. राज्य सूचना आयोग द्वारा जनसूचना अधिकारी कार्यालय – डॉ.सी वी रमन विश्वविद्यालय कोटा जिला-बिलासपुर छ.ग. को निर्देश जारी करते हुये दिनांक 17.06.2022 को 12 बजे विडीयो कांफ्रेसिंग, एनआईसी (जिला सूचना विज्ञान केंद्र) जिला मुख्यालय बिलासपुर में प्रकरण की नस्ती एवं सभी पत्राचार के प्रमाण सहित उपस्थित होने कहा गया। साथ ही इसकी प्रतिलिपि आवेदक को भेज विडीयो कांफ्रेसिंग, एनआईसी (जिला सूचना विज्ञान केंद्र) जिला मुख्यालय मुंगेली में उपस्थित होकर पक्ष रखने कहा गया।
डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी द्वारा द्वितीय अपील सुनवाई के पहले ही स्टाफ ऑफिसर छ.ग. राज्य सूचना आयोग को पत्र भेज सुनवाई दिनांक 17.6.2022 के संबंध में अपना लिखित जवाब भेजा गया, जिसकी प्रतिलिपि आवेदक/अपीलार्थी स्वतंत्र तिवारी को भी दी गई जिस पर आवेदक अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी ने बताया कि स्टाफ ऑफिसर छ.ग. राज्य सूचना आयोग को उप कुलसचिव डॉ.सीवी रमन विश्वविद्यालय द्वारा सुनवाई दिनांक 17.6.2022 के संबंध में जो जवाब प्रेषित किया गया हैं वह भ्रामक और झूठा है, जिसका प्रमाण 17 जून को सुनवाई के समय राज्य सूचना आयोग के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, साथ ही अपीलार्थी स्वतंत्र तिवारी ने भी अपना लिखित पक्ष राज्य सूचना आयोग को भेज दिया हैं, मामले में आज 17 जून को 12 बजे छग राज्य सूचना आयोग द्वारा सुनवाई होगी।