रायपुर। पुरी की तर्ज पर राजधानी रायपुर में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती हैं, लेकिन इससे पहले 14 जून को भगवान जगन्नाथ को महास्नान कराया जाएगा क्योंकि इसके बाद वे बीमार पड़ जाते हैं। इस दिन से भगवान जगन्नाथ के मंदिरों के पट पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे और और जैसे ही भगवान स्वस्थ होते हैं रथयात्रा निकाली जाती हैं।
जगन्नाथ मंदिरों में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही हैं और प्राचीन प्रतिमाओं को गर्भगृह से बाहर मंदिर के प्रांगण में रखा जाता हैं। पुजारीगण भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को मंदिर की बावली के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कराते हैंं इसके बाद श्रद्धालु भी भगवान को स्नान कराते हैं। अभिषेक के पश्चात प्रतिमा को पुन: गर्भगृह ले जाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ज्यादा स्नान करने से भगवान बीमार हो जाते हैं और भगवान को विश्राम देने के लिए 15 दिनों के लिए मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है। भगवान के बीमार होने के कारण मंदिर के पूजारी 15 दिनों तक रोजाना काढ़ा पिलाने जाते हैं।