Home छत्तीसगढ़ सौर सुजला योजना से किसानों के खेत लहलहाएंगे

सौर सुजला योजना से किसानों के खेत लहलहाएंगे

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सोलर मेटरनिटी दूरस्थ ग्रामों की प्रसूताओं के लिए उपयोगी
सौर ऊर्जा से संचालित कोल्ड स्टोरेज में 20 टन सब्जी संग्रहित करने की क्षमता
रायपुर।
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अधिकरण (क्रेडा) द्वारा राष्ट्रीय कृषि मेले में प्रदर्शन के लिए आई सौर सुजला योजना के जरिये प्रदेश के किसानों को एवं दूरस्थ ग्रामों की महिलाओं (प्रसूताओं) को लाभांवित करने के लिए अनेक मॉडल लगाये गये हैं जिसके जरिये प्रदेश की बड़ी आबादी को उक्त सामाग्रियों के लगाने से व्यापक लाभ मिलेगा। उक्त योजनाओं के संबंध में हमारे प्रतिनिधि द्वारा भ्रमण के दौरान उपसंचालक दिनेश कुमार अवस्थी (क्रेडा) से चर्चा के दौरान ज्ञात हुआ कि सौर पंपों से दो एचपी पंप के माध्यम से सोलर पेनल के जरिये सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा से संचालित पंप लगाने से किसानों को प्रदेश में 12 महीनों सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि उक्त योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए उक्त सामाग्री 5 हजार ओबीसी के लिए 9 हजार एवं सामान्य वर्ग के लिए 16 हजार रुपये में उपलब्ध करायी जा रही है। सौर पंप के डिमास्ट्रेटर एस रेड्डी ने बताया कि उक्त पंप मेला में सब्सिडी मूल्य में किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है बाजार में उक्त सौर पंप की कीमत 3 लाख रुपये है।
सौर ऊर्जा से संचालित कोल्ड स्टोरेज किसानों की सब्जियों अन्य उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराने की योजना है। उपसंचालक के अनुसार सौर ऊर्जा से संचालित कोल्ड स्टोरेज में एक बार में 20टन सब्जी फल एवं अन्य सामाग्री सुरक्षित रखने की क्षमता है।
मेले में सर्वाधिक उपयोगी वस्तु मेटरनिटी किट उपलब्ध कराने की अभिनव योजना के बारे में बताते हुए अवस्थी ने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों में विशेष कर वर्षा ऋतु में स्थित उपस्वास्थ्य केंद्रों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने वाली अचानक प्रसूता की प्रसूति के दौरान बिजली गायब होने पर सौर ऊर्जा से संचालित मेटरनिटी किट संकट मोचक का काम करेगी। मेटरनिटी किट में ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर, बीपी स्टूमेंट, डाप्लर, टार्च एवं अन्य उपयोगी सामाग्री ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम है।
सौर ऊर्जा से संचालित उक्त उपकरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नरवा, गुरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के क्रियान्वयन में मील का पत्थर साबित होगी। राज्य शासन द्वारा उक्त योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 56 हजार से अधिक सौर सिंचाई पंप स्थापित किये गये हैं। वर्ष 2020-21 के वित्तीय वर्ष में 20 हजार सौर पंप ग्रामीण क्षेत्रों में लगाने का लक्ष्य रखा गया है। विद्युत विहीन खेतों में सौर सिंचाई पंपों को प्राथमिकता से लगाया जाएगा। प्रदूषण रहित सौर ऊर्जा पंप एवं अन्य सामाग्री शासन के सर्वोच्च लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री भूपेश बघेल के्रडा के माध्यम से अनेक योजनाओं के जरिए प्रदेश के गांव गांव में निवासरत किसानों के पास पहुंचकर उनकी खुशहाली के लिए निरंतर प्रयासरत है। राष्ट्रीय कृषि मेले में सर्वाधिक अक्षय ऊर्जा के स्टाल में ही प्रतिनिधि ने देखी।