कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डेढ़ घंटे चली वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद देर रात शहर का पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला नई सड़क में उतर गया। सात कंपनी पीएसी, 14 थानों की फोर्स, पीआरवी, डायल 112 ने नई सड़क को घेर लिया। चंद्रेश्वर हाते में कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, डीएम फोर्स के साथ पहुंचे और वहां लोगों से पूछताछ की।
रात दो बजे तक सदभावना चौकी में शासन की तरफ से भेजे गए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अजयपाल शर्मा, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा, एडीजी जोन भानु भास्कर, कमिश्नर डॉ. राजशेखर, डीएम नेहा शर्मा और एडीएम सिटी अतुल कुमार सहित सभी अधिकारी डटे थे। चौकी में बैठकर वीडियो और फोटोग्राफ्स से उपद्रवियों की पहचान की जा रही थी। मुखबिर तंत्र को हाई अलर्ट पर के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे। पुलिस पर सीधे पथराव करने वाले और बमबाजों की धरपकड़ के लिए रणनीति बनाई जा रही थी। दूसरी तरफ अफसरों के निर्देश पर उपद्रवियों की शिनाख्त कर ताबड़तोड़ एफआईआर दर्ज कराई जा रहीं थीं।
नई सड़क, दादा मियां चौराहा, यतीमखाना, तलाक महल, बीडी मार्केट, पेंचबाग की सड़कों पर केवल खाकी वर्दी दिख रही थी। अंदर की गलियों में पीएसी को तैनात किया था। सायरन व हूटरों की आवाज से सन्नाटा तोड़ती गाड़ियों के पीछे की रणनीति उपद्रवियों में खौफ पैदा करना था।