श्रीनगर। मध्य कश्मीर का बडगाम जिला आतंकी गतिविधियों का नया हॉटस्पॉट बन गया है, खासकर टारगेटेड हत्याओं की सीरीज को लेकर। यह सुरक्षा बलों के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। इस साल मार्च के बाद से श्रीनगर, पुलवामा और बारामूला जिलों की सीमा से लगे बडगाम में पांच लक्षित हत्याएं हो चुकी हैं। सुरक्षा मामलों की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि जिले में कई आतंकी मॉड्यूल सक्रिय हैं, जिससे ये हत्याएं हो रही हैं। एक अधिकारी ने बताया, “हमने देखा है कि आतंकवादी बडगाम में लोगों को निशाना बनाने के बाद दक्षिण कश्मीर की ओर भाग जाते हैं। अमरीन भट को मारने वालों को पुलवामा में ढेर कर दिया गया, जो इस बात का संकेत है कि स्थानीय आतंकवादियों के अलावा दक्षिण कश्मीर के आतंकवादी भी बडगाम जिले में सक्रिय हैं।”
टीवी कलाकार अमरीन की गोली मारकर हत्या
गुरुवार को बडगाम में उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। 25 मई को अज्ञात बंदूकधारियों ने टीवी कलाकार अमरीन की हशरू बडगाम में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले में उसका 10 वर्षीय भतीजा भी घायल हो गया। पुलिस ने दावा किया है कि पुलवामा में कलाकार की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को 24 घंटे के भीतर खत्म कर दिया गया।
कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट का मर्डर
12 मई को बडगाम में चदूरा तहसील कार्यालय के अंदर एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने कहा था कि भट की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बांदीपुर के जंगलों में मार गिराया गया था। 21 मार्च को बडगाम में एक नागरिक तजमुल मोहिउद्दीन राथर भी मारा गया था। इससे दो हफ्ते पहले एक प्रादेशिक सेना के जवान समीर अहमद मल्ला का लोकीपोरा से अपहरण कर लिया गया था और बाद में उनका शव बडगाम के एक बाग में मिला था। मल्ला जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (JAKLI) में तैनात थे।
‘बडगाम एक बहुत ही संवेदनशील जिला’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए दो शीर्ष कमांडर युसूफ कांतरू और अब्बास शेख बडगाम में आतंकवादी नेटवर्क बनाने में कामयाब रहे। जिले में सेवा देने वाले एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि बडगाम एक बहुत ही संवेदनशील जिला है और अगर यहां आतंकवाद बढ़ता है, तो इसका श्रीनगर पर भी असर पड़ेगा। इसलिए सुरक्षा अधिकारियों को बडगाम पर विशेष ध्यान देना चाहिए।