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शॉपिंग की जल्दबाजी में कई बार हम जाने-अनजाने में ट्रैफिक नियमों को भी तोड़ देते हैं, ये एक चालान बिगाड़ देगा महीनेभर का बजट!

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नई दिल्ली
दीवाली पर लगभग सभी लोग शॉपिंग करने में लगे हैं। लाइटिंग, मिठाई, पटाखे, कपड़ों से लेकर कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें लोग खरीद रहे हैं। हालांकि, इस शॉपिंग की जल्दबाजी में कई बार हम जाने-अनजाने में ट्रैफिक नियमों को भी तोड़ देते हैं। त्यौहार के मौके पर ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। नियम तोड़ने वालों पर मोटे चालान के साथ सजा भी हो रही है। नियम तोड़ने वाली लिस्ट में गाड़ी का मॉडिफिकेशन भी शामिल है। ऐसे में लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल करने और सजा का भी प्रावधान भी है। ऐसी स्थिति में 25 हजार रुपए तक का चालान किया जा सकता है। इतना चालान आपका दीवाली के साथ महीनेभर का बजट भी बिगाड़ सकता है।

दरअसल, जब भी आप अपने टू-व्हीलर या फोर-व्हीलर में किसी तरह के मॉडिफिकेशन कराने जा रहे हैं, तो सबसे पहले पहले क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय से अनुमति लेनी पड़ेगी। मॉडिफिकेशन के दौरान अपनी गाड़ी में उन्हीं पार्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जो ऑटोमोटिव रिसर्च अथॉर्टी ऑफ इंडिया (ARAI) से अप्रूव्ड होते हैं। हम यहां मॉडिफिकेशन की 3 कंडीशन बता रहे हैं। जिसकी वजह से आपका तगड़ा चालान कट सकता है।

1. मॉडिफिकेशन पर तगड़ा चालान
मोटरसाइकिल या स्कूटर में मॉडिफिकेशन कराना भी गैर कानूनी होता है। इन दिनों ट्रैफिक पुलिस मॉडिफाइड मोटरसाइकिल को पकड़ कर उसका चालान कर रही है। नए ट्रैफिक नियम के तहत किसी भी वाहन में कराए जाने वाला मॉडिफिकेशन गैर कानूनी होता है। इसके लिए आपसे जुर्माना लिया जा सकता है। बाइक को जब्त भी किया जा सकता है।

2. साउंड वाले साइलेंसर पर चालान
कई बार लोग अपनी मोटरसाइकिल के साइलेंसर को भी मॉडिफाई करा देते हैं। अक्सर रॉयल एनफील्ड बुलेट के इस्तेमाल करने वाले साइलेंसर का क्रेज ज्यादा देखा गया है। लोग बाइक में ऐसा साइलेंसर लगवा लेते हैं जो तेज आवाज करता या फिर इसमें से पटाखे छूटते हैं। इस तरह के साइलेंसर का इस्तेमाल करने पर पुलिस आपको पकड़ सकती है। साथ ही आपके ऊपर तगड़ा चालान भी किया जाएगा।

3. फैंसी नंबर प्लेट पर भी चालान
गाड़ियों में किसी भी तरह की फैंसी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करना गैर-कानूनी है। सरकार ने नंबर प्लेट के लिए एक स्टाइल शीट तय की हुई है। इसके तहत, नंबर प्लेट पर सभी डिजिट साफ दिख रहे हों और उन्हें फैंसी तरीके से ना लिखा गया हो। हमेशा आरटीओ द्वारा सर्टिफाइट नंबर प्लेट का इस्तेमाल करना चाहिए।