तेहरान
ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरागची ने कहा कि ईरान पर हमला करने के परिणाम इजरायल को भुगतने होंगे। ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। श्री अरागची ने राजधानी तेहरान में राजदूतों और राजनयिक मिशनों के प्रमुखों, संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों और ईरान में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ एक बैठक में कहा कि इजरायल और उसके समर्थक ईरान पर आक्रामकता के लिए राजनीतिक और कानूनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं और उन्हें ऐसा करना ही होगा।उन्होंने कहा, 'ईरान ने इस तरह की स्पष्ट आक्रामकता का उचित जवाब देने का अपना कानूनी अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित रखा है,' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान ऐसा करने में न तो संकोच करेगा और न ही जल्दबाजी करेगा। श्री अरागची ने कहा कि अपने सशस्त्र बलों की तत्परता और सतर्कता तथा देश के वायु रक्षा बल के समय पर प्रदर्शन की बदौलत ईरान आक्रामकता को बेअसर करने में कामयाब रहा।
विदेश मंत्री ने कहा कि तेहरान इस बात पर कायम है कि अमेरिका ने ईरान के खिलाफ आक्रामकता में इजरायल के साथ सहयोग किया था और इस प्रकार, हमलों में मुख्य भागीदार अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश हैं।इजरायल रक्षा बलों ने शनिवार तड़के घोषणा की कि उसने देश के हालिया हमलों के जवाब में ईरान में लक्ष्यों पर सटीक और लक्षित हवाई हमले किए। ईरान के वायु रक्षा मुख्यालय ने कहा कि उसने इजरायली हमलों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया, जिसके परिणामस्वरूप केवल सीमित क्षति हुई।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बघई ने मंगलवार को उत्तरी गाजा के बेत लाहिया में एक आवासीय इमारत पर हुए इजरायल के हमले की निंदा की। खबरों के अनुसार, इस हमले में 20 बच्चों सहित कम से कम 93 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए।
बघाई ने इजरायल द्वारा जारी नरसंहार और रक्षाविहीन फिलिस्तीनियों की हत्या, साथ ही गाजा पट्टी के आवासीय क्षेत्रों और महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं को निशाना बनाने की आलोचना की। उसने अपराधों को रोकने और इजरायली नेताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए निर्णायक अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान किया। बघाई ने इज़रायल को सैन्य और राजनीतिक समर्थन प्रदान करने के लिए अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी देशों की निंदा की।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इजरायली सेना ने बेत लाहिया में एक पांच मंजिला आवासीय इमारत को नष्ट कर दिया, जिससे निवासियों को चिकित्सा एवं नागरिक सुरक्षा टीमों की कमी के कारण हताहतों को मलबे से अपने हाथों से निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा में चल रहे इजरायली हमलों में मरने वाले फिलीस्तीनियों का आंकड़ा बढ़कर 43,000 से अधिक हो गया है।