हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व होता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 13 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसे रामा एकादशी भी कहा जाता है।
पापांकुशा एकादशी हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है, और यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को नियमों का पालन करते हुए शुद्धता और सादगी के साथ भोजन करना होता है। पापांकुशा एकादशी व्रत के दौरान भी कुछ खाद्य पदार्थों को खाने और कुछ को न खाने की परंपरा है।
पापांकुशा एकादशी में क्या खाएं
फल और सूखे मेवे: फलाहार के रूप में सेब, केला, नारियल, अंगूर, पपीता और सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश आदि खा सकते हैं।
दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, छाछ, पनीर, मक्खन का सेवन किया जा सकता है।
साबूदाना: साबूदाने की खिचड़ी या वड़ा बनाकर खा सकते हैं।
सिंघाड़े और कुट्टू का आटा: सिंघाड़े और कुट्टू के आटे से रोटी, पूड़ी या हलवा बना सकते हैं।
आलू और शकरकंद: आलू और शकरकंद को उबालकर या तलकर खाया जा सकता है। आप आलू की सब्जी या शकरकंद का हलवा बना सकते हैं।
मखाना: मखाने को भूनकर खा सकते हैं या मखाने की खीर बना सकते हैं।
सेंधा नमक: साधारण नमक की जगह केवल सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है।
गुड़: चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग कर सकते हैं।
पापांकुशा एकादशी में क्या नहीं खाएं?
अनाज और दालें: चावल, गेहूं, बाजरा, जौ, मक्का, और अन्य अनाज वर्जित होते हैं। साथ ही, दालें भी नहीं खानी चाहिए।
साधारण नमक: साधारण नमक का सेवन वर्जित है, केवल सेंधा नमक का ही उपयोग किया जाता है।
तेज मसाले: हल्दी, हींग, मिर्च, गरम मसाले, लहसुन और प्याज का सेवन वर्जित है।
मांसाहारी भोजन और अंडे: मांस, मछली, अंडे आदि पूरी तरह से निषिद्ध हैं।
तामसिक भोजन: शराब, तंबाकू, सिगरेट आदि तामसिक चीज़ों का सेवन भी पूरी तरह से वर्जित है।
व्रत का महत्त्व
पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। व्रत में नियम और संयम का पालन करना ज़रूरी होता है, ताकि मन और शरीर दोनों की शुद्धि हो सके।