मुंबई
महाराष्ट्र में विधान सभा चुनावों से ऐन पहले राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा दांव चला है। शिंदे कैबिनेट ने आज राज्य में ब्राह्मण और राजपूत जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए दो अलग-अलग निगमों के गठन का फैसला किया है। ब्राह्मण जातियों के लिए 'परशुराम आर्थिक विकास निगम' और राजपूत समुदाय के लिए 'वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप आर्थिक विकास निगम' का गठन करने का फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल ने दोनों कल्याण बोर्डों के लिए 50-50 करोड़ रुपए का आवंटन भी कर दिया है।
महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय इस कल्याण बोर्ड की स्थापना के लिए कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहा था। विधान सभा चुनाव से पहले राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर कई समुदाय आक्रामक हो गए हैं। इसी के मद्देनजर शिंदे सरकार ने ये फैसला लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में आज 24 अहम फैसले लिए गए। इसमें तीन कुनबी उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल करने का भी निर्णय शामिल है। माना जा रहा है कि राज्य की महायुति सरकार ने इन फैसलों के जरिए उन समुदायों को खुश करने की कोशिश की है, ताकि उसका चुनावी लाभ मिल सके।
महाराष्ट्र सरकार ने एक अन्य फैसले में पुणे हवाई अड्डे का नाम जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज पुणे अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन करने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दी है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया और प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने हवाई अड्डे का नाम बदलने के केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मोहोल पुणे से ही हैं। मोहोल ने भाजपा, शिवसेना और राकांपा की महायुति सरकार को इस निर्णय के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘धन्यवाद महायुति सरकार। धन्यवाद देवेंद्र (फडणवीस) जी। पुणे में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज विमानपत्तन करने के लिए आज पहला कदम उठाया गया है और मेरे प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिल गई। इसे अब आगे की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।’’ संत तुकाराम भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक कवि थे। उनका जन्म पुणे जिले में हुआ था।