भोपाल
शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा तीन वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म मामले में एसआईटी की जांच जारी है। शुक्रवार को पुलिस ने विभिन्न पहलुओं पर जांच की। साथ ही स्कूल प्रबंधन से आरोपित शिक्षक की नियुक्ति से संबंधित जानकारी मांगी है। यह भी देखा जा रहा है कि स्कूल में आरोपित शिक्षक की नियुक्ति के समय पुलिस सत्यापन कराया गया था या नहीं। इसके अलावा आरोपित शिक्षक स्कूल में किस माध्यम से पहुंचा, इसको लेकर भी पुलिस स्कूल प्रबंधन से जानकारी जुटा रही है।
वहीं मामले में जांच के लिए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के एक सदस्य को भी शामिल किया गया है। इधर पीड़िता के माता-पिता के बयान भी हुए, जिसमें उन्होंने घटना से जुड़ी जानकारी बताई।
निजी कंपनी में रह चुका आरोपित
हम बता दें कि राजधानी के एक निजी स्कूल में तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर एसआईटी बनाकर जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस शर्मनाक घटना को लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में सबसे पहले आरोपित का मोबाइल जब्त कर उसे वैज्ञानिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है। बाद में आरोपित के माता-पिता के बयान दर्ज किए गए हैं। आरोपित के बारे में पता चला है कि स्कूल में नौकरी करने से पहले वह एक निजी कंपनी में काम करता था। उसे किन कारणों से हटाया गया था, उसकी पुलिस जानकारी जुटा रही है।
बाइक राइडर समूह ने की फांसी देने की मांग
आरोपित शिक्षक एक बाइक राइडर समूह का सदस्य रह चुका है। उसकी इस घिनौनी हरकत से बाइक राइडर समूह के सदस्यों में भी आक्रोश है। शुक्रवार को शहर के 20 राइडरों ने गैमोन माल से लेकर राजभवन तक बाइक राइड निकाली और वहां पहुंचकर आरोपित के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए फांसी देने की मांग की। बाइक राइडर समूह का कहना है कि आरोपित हमारे ग्रुप में था और हमारे साथ राइड करता था। उसने तीन वर्षीय मासूम के साथ दुराचार की वारदात कर एक जघन्य अपराध है। उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए।