Home विदेश फिनलैंड और स्वीडन भी बनेंगे ‘बागी’! नाटो की सदस्यता पर फैसला जल्द

फिनलैंड और स्वीडन भी बनेंगे ‘बागी’! नाटो की सदस्यता पर फैसला जल्द

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स्टॉकहोम। रूस और यूक्रेन के हमले के बीच फिनलैंड और स्वीडन की सरकारों ने भी रूस के खिलाफ हिम्मत दिखानी शुरू कर दी है। इस हफ्ते दोनों देश फैसला ले सकते हैं कि उन्हें पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन नाटो में शामिल होना है या नहीं? यूक्रेन पर रूस के हमले से इन दोनों देशों का यह पुराना विश्वास टूट गया है कि ताकतवर पड़ोसी से टकराव टालने का सबसे अच्छा तरीका किसी भी सैन्य संगठन से बाहर रहना है। यदि फिनलैंड के राष्ट्रपति और दोनों देशों में सत्ताधारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी अगले कुछ दिनों के अंदर शामिल होने का समर्थन करती है, तो उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में जल्द ही रूस की दहलीज पर स्थित दो देश शामिल हो सकते हैं। दोनों नार्डिक देशों के लिए यह एक ऐतिहासिक घटनाक्रम होगा। स्वीडन 200 से अधिक सालों से सैन्य गठजोड़ में शामिल होने से बचता रहा है, तो द्वितीय विश्व युद्ध में रूस के हाथों पराजय के बाद से फिनलैंड ने भी तटस्थ रुख अख्तियार कर रखा है।
गौरतलब है कि यूक्रेन पर 24 फरवरी को रूसी हमले के पहले स्टॉकहोम और हेलसिंकी में नाटो सदस्यता पर कभी गंभीरता से विचार तक नहीं किया गया था। लेकिन रातों-रात दोनों देशों की राजधानियों में चर्चा का विषय बदल गया। पहले चर्चा होती थी कि हमें क्यों शामिल होना चाहिए? लेकिन अब चर्चा है कि इसमें कितना समय लगेगा? यूक्रेनी सेना की ओर से कड़ा प्रतिरोध और पश्चिमी देशों द्वारा व्यापक प्रतिबंध लगाने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आक्रमण का उलटा असर हुआ है। ऐसे में यदि फिनलैंड और स्वीडन गठबंधन में शामिल हो जाते हैं, तो रूस खुद को पूरी तरह से बाल्टिक सागर और आर्कटिक में नाटो देशों से घिरा हुआ पाएगा।
पूर्व में मास्को में तैनात रह चुके और फिलहाल वाशिंगटन स्थित ‘न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी’ के शोधकर्ता फिनलैंड के राजदूत हेली हौटाला ने कहा, ‘‘यहां हमले से पहले की यथास्थिति की वापसी नहीं होने जा रही है।’’ संभव है कि फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो बृहस्पतिवार को नाटो सदस्यता पर अपने रुख की घोषणा कर सकते हैं। दोनों देशों में सत्ताधारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियां इस सप्ताह के अंत में अपनी स्थिति स्पष्ट करने की तैयारी में जुटी हैं। सदस्यता को लेकर यदि पार्टी का उत्तर ‘हां’ रहता है, तो नाटो सदस्यता के लिए दोनों देशों की संसद में मजबूत बहुमत होगा। इससे औपचारिक आवेदन प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रधानमंत्री सना मारिन के नेतृत्व में फिनलैंड की सोशल डेमोक्रेट पार्टी नाटो सदस्यता के लिए आवेदन के समर्थन में फिनलैंड के अन्य दलों का साथ दे सकती है। हालांकि स्वीडन में स्थिति उतनी स्पष्ट नहीं है। स्वीडन की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हमेशा गुटनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं, लेकिन पार्टी नेता और प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने कहा है कि ‘24 फरवरी से पहले और बाद की स्थिति में’ एक स्पष्ट अंतर है। स्वीडन की जलवायु और पर्यावरण मंत्री अन्निका स्ट्रैंडहॉल के नेतृत्व में पार्टी का महिला गुट नाटो सदस्यता के खिलाफ सामने आया है। अन्निका ने स्वीडिश प्रसारणकर्ता टीवी 4 से कहा, ‘‘हम मानते हैं कि सैन्य रूप से गुटनिरपेक्ष होने से हमारे हितों की सबसे अच्छी रक्षा होती है।’’