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कलेक्टर जनदर्शन बना मजाक…निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों में जबरदस्त सांठगांठ…जांच अधिकारियों पर उठने लगे प्रश्न…अभिभावकों व बच्चों को बनाया जा मोहरा…गलत जांच करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग…3 बार जांच का आदेश…CM से भी शिकायत…जानिए क्या हैं पूरा मामला..

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मुंगेली/ निजी स्कूलों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही हैं, कई निजी स्कूलों द्वारा एक ही दुकान विशेष में अपने स्कूल के पाठ्यक्रम की किताबें बेचने अधिकृत किया गया हैं, वहीं कुछ स्कूलों द्वारा अपने स्कूल से ही किताब बेचा जा रहा हैं जो कि नियम विरुद्ध हैं। इस मामले में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग भी कहीं न कहीं लाचार नजर आ रहा हैं या निजी स्कूलों द्वारा इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की आंखों में पट्टी बाधने का काम किया जा रहा हैं। अभिभावकों ने बताया कि मुंगेली में निजी स्कूलों द्वारा किताब खरीदी-बिक्री मामले में बहुत बड़ा कमीशन का खेल चल रहा हैं, जिस पर अभिभावकों ने भारी आक्रोश जताते हुए कहा कि पिछले वर्ष 2023 में भी कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत किया था, शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी स्कूलों के लिए आदेश तो निकाल दिया गया था, परंतु उसका निजी स्कूलों ने पालन नहीं किया। शिक्षा विभाग की निष्क्रियता के कारण निजी स्कूलों का मनोबल बढ़ गया।
अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा दिनांक 02/07/2024 को मुंगेली कलेक्टर जनदर्शन में निजी स्कूलों की किताब एक दुकान विशेष पर बिक्री होने पर शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग किया गया था। शिकायत में बताया कि मुंगेली जिले में संचालित कई निजी स्कूलों की किताबें एक दुकान विशेष में ही बिक्री हो रही हैं, अभिभावकों का कहना है कि मुंगेली के कई निजी स्कूलों द्वारा सिलेबस व 4-5 किताब दुकानदारों का नाम सूचना पटल में चस्पा किया जाना चाहिये परंतु वे ऐसा नहीं करते, बल्कि उनके द्वारा एक दुकान विशेष को ही अपने स्कूल की किताबें बेचने अधिकृत कर दिया गया हैं। एक ही दुकान में किताब मिलने से अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
आवेदक ने आगे लिखा कि पूर्व में भी उनके द्वारा दिनांक 18/04/2023 को कलेक्टर जनदर्शन में इसी विषय पर शिकायत की गई थी जिसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली द्वारा सभी निजी स्कूलों को निर्देश देते हुये कहा गया था कि शाला स्तर पर जो किताबें, चलाई जा रही हैं उनकी सूची स्थानीय स्तर के कम से कम 4-5 पुस्तक विक्रेता को उपलब्ध कराया जाये, पालकों एवं दुकान संचालकों से सामंजस्य स्थापित कर पालकों को उनकी सुविधा के अनुसार किताब उपलब्ध कराये जाने कहा गया, पालकों को एक विशेष दुकान से कय हेतु बाध्य न किया जाये।
उसके बाद भी इस शैक्षणिक वर्ष 2024 में निजी स्कूलों द्वारा न ही 4-5 पुस्तक विक्रेताओं को सिलेबस दिया गया और न ही सिलेबस और दुकानदारों के नाम स्कूल में चस्पा किया गया। अभिभावकों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में पड़ाव चौक स्थित जेसीस पब्लिक स्कूल के द्वारा एक दुकान विशेष को अपने स्कूल की किताबें बेचने अधिकृत किया गया हैं जो स्कूल के पास ही हैं, इस जेसीस पब्लिक स्कूल की किताबें मुंगेली के और किसी दूसरे किताब दुकान में नहीं मिल रही हैं। जेसीस पब्लिक स्कूल के अलावा कई निजी स्कूल ऐसे भी हैं जो एक दुकान विशेष को अपने स्कूल की किताबें बेचने अधिकृत किया गया हैं, जो जांच में स्पष्ट हो जायेगा। पूर्व में किये गये शिकायत व जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के निर्देश के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा मनमानी किया जा रहा हैं, इन स्कूलों को जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग का कोई डर नहीं हैं। शिकायत ने आगे कहा गया कि इस मामले में तत्काल कड़ी कार्यवाही करने का कष्ट करें, एवं स्थानीय 4-5 पुस्तक विक्रेताओं को सिलेबस और किताब उपलब्ध कराने व्यवस्था बनाने निर्देश देकर कड़ाई से पालन करने आदेश देने का कष्ट करें। साथ ही एक जांच टीम का गठन कर उन्हें हर सप्ताह निजी स्कूलों की निगरानी करने कहा गया।
निजी स्कूलों की किताब एक दुकान पर बिक्री होने पर कार्यवाही करने की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने बी0आर0साव उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय मुंगेली के प्राचार्य पी0सी0 दिव्य को जेसीस पब्लिक स्कूल मुंगेली का जांच अधिकारी बनाते हुए तीन दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित देने कहा गया, जांच उपरांत जांच अधिकारी द्वारा दिनांक 16/07/2024 को जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को दिया गया, चूंकि जांच प्रतिवेदन में जांच के प्रमुख तथ्यों को छिपाने व त्रुटिपूर्ण जांच की बात सामने आई, जिसके शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने पुनः बी0आर0साव उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय मुंगेली के प्राचार्य पी0सी0 दिव्य को जेसीस पब्लिक स्कूल मुंगेली की किताब एक ही दुकान में विक्रय को लेकर किये गए शिकायत की पुनः जांच करने आदेश जारी करते हुए कहा गया कि निजी स्कूल जेसीस पब्लिक स्कूल मुंगेली की किताब एक दुकान विशेष पर बिक्री होने पर कार्यवाही करने हेतु आवेदन प्राप्त हुआ था, उक्त प्रकरण पर आपके द्वारा पत्र क्रमांक / शिकायत जांच / प्रतिवेदन /2024 मुंगेली, दिनांक 16.07.2024 में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिसमें शिकायत की पुष्टि स्पष्ट नही हो पा रही है। अतः आप पुनः उक्त शिकायत पर केशरवानी स्टेशनरी मुंगेली एवं सुभांक स्टेशनरी मुंगेली में पुस्तक की उपलब्धता एवं छात्रों द्वारा पुस्तकों का विक्रय की जानकारी स्वयं उपस्थित होकर शिकायत की पुष्टि के संबंध में जांच प्रतिवेदन अपने स्पष्ट अभिमत सहित पत्र प्राप्ति के तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
उसके बाद जांच अधिकारी पीसी दिव्य द्वारा पुनः जांच की गई और जाँच प्रतिवेदन दिया गया, इस जांच में भी कई खामियां दिखी, जो कि गंभीर हैं, जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा जेसीस स्कूल के कुछ बच्चों से लिखित में लिया गया कि वे भारत बुक डिपो से पुस्तक खरीदते हैं, जबकि भारत बुक डिपो ने स्वयं लिखित स्वीकार किया हैं कि उनके पास जेसीस पब्लिक स्कूल की किताब उपलब्ध नहीं हैं और न ही इस स्कूल की किताब उनके द्वारा कभी विक्रय किया गया हैं। ऐसे में शिकायकर्ता ने यह कहा कि जेसीस स्कूल प्रबंधन और जांच अधिकारी की मिलीभगत और सांठगांठ के कारण सही जांच नहीं हो पाई हैं, जांच अधिकारी द्वारा बच्चों से किताब क्रय का दुकान पूछा गया, जबकि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों से भी पूछताछ करते हुए लिखित लेना था, और पुस्तक खरीदी के बिल की प्रतिलिपि भी मांग करते हुए जांच प्रतिवेदन में संलग्न करना था। शिकायतकर्ता स्वतंत्र तिवारी ने आगे कहा कि जेसीस पब्लिक स्कूल मुंगेली द्वारा भ्रामक व गलत प्रचार किया जा रहा हैं, जेसीस पब्लिक स्कूल द्वारा अपने लिखित कथन में मुंगेली के दो दुकानों केशरवानी स्टेशनरी और सुभांक स्टेशनरी में अपने स्कूल की पुस्तक विक्रय होना बताया, पर अधिकांश अभिभावकों और बच्चों को सुभांक स्टेशनरी कहाँ हैं यह पता ही नहीं, और बताया जाता कि सुभांक स्टेशनरी एक किराना और जनरल स्टोर की दुकान हैं, और जांच अधिकारी को जांच के दौरान सुभांक स्टेशनरी में जेसीस स्कूल की किताबें नहीं मिली। जांच अधिकारी पीसी दिव्य ने दिनांक 02/08/2024 को जो जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को सौपीं हैं उसमें दिए गए अभिमत यह बात उल्लेख किया गया हैं कि अधिकांश बच्चों ने अपने लिखित जवाब में भारत बुक डिपो मुंगेली से पुस्तक खरीदने की बात लिखी हैं साथ ही जांच अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन में यह भी टीप किया कि केशरवानी स्टेशनरी में जेसीस पब्लिक स्कूल की पुस्तकें उपलब्ध हैं, सुभांक स्टेशनरी में निरीक्षण के दौरान पुस्तकें प्राप्त नहीं हुआ।
ऐसे में जांच प्रतिवेदन को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं जांच अधिकारी द्वारा जेसीस पब्लिक स्कूल के बच्चों के अलावा अभिभावकों से लिखित जवाब क्यों नहीं लिया गया ? जब बच्चों से लिखित जवाब लिया गया तो उन्होंने भारत बुक डिपो से किताब खरीदने की बात कही गई तो उनसे या उनके अभिभावकों से बिल क्यों नहीं मंगाया गया ? सुभांक स्टेशनरी जो कि किराना, जनरल स्टोर दुकान हैं उनके दुकान और नाम की तथा उपलब्ध पुस्तकों को लेकर शिकायतकर्ता की उपस्थिति में पंचनामा क्यों नहीं बनाया गया ? दुकान की फोटोग्राफी क्यों नहीं कराई गई ? जांच प्रतिवेदन से यह स्पष्ट होता हैं कि जेसीस स्कूल स्कूल प्रबंधन और जांच अधिकारियों द्वारा बच्चों से दबावपूर्वक या भ्रमित कर लिखित जवाब में भारत बुक डिपो से किताब खरीदने की बात लिखवाई गई हैं, क्योंकि भारत बुक डिपो द्वारा स्पष्ट तौर पे कहा गया कि उन्होंने अपने दुकान में कभी जेसीस पब्लिक स्कूल की किताब का विक्रय नहीं किया हैं।
जांच अधिकारी की चूक व त्रुटिपूर्ण जांच प्रतिवेदन देने की बात का प्रमाण यह भी हैं कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिनांक 03/09/2024 को पुनः तीसरी बार जांच हेतु आदेश जारी किया गया, इस बार जांच टीम बनाया गया जिसमें यू.के.शर्मा (ए.पी.सी.) और श्रीमती विमित्रा घृतलहरे (ए. बी.ई.ओ.) शिक्षा विभाग का नाम शामिल हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच टीम गठित करते हुए उन्हें कहा गया कि निजी स्कूलों की किताब एक दुकान विशेष पर बिक्री होने पर कार्यवाही करने हेतु आवेदन प्राप्त हुआ है, उक्त शिकायत पर जांच के लिए आपको जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है। अतः आप जेसीस पब्लिक स्कूल मुंगेली की किताबें किन-किन पुस्तक विक्रेता एवं स्टेशनरी दुकानों में उपलब्ध है, एवं छात्र-छात्राओं द्वारा किन-किन पुस्तक स्टेशनरी दुकानों में क्रय किया गया है, क्रय की जानकारी स्वयं उपस्थित होकर शिकायत की पुष्टि के संबंध में जांच प्रतिवेदन अपने स्पष्ट अभिमत सहित पत्र प्राप्ति के तीन दिवस के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। साथ ही जांच दिनांक को शिकायतकर्ता का भी प्रतिवेदन लेवें।
अब देखना यह होगा कि इस मामले में कब जांच की जाती हैं, कब जांच रिपोर्ट, प्रतिवेदन आता हैं उसके बाद क्या कार्यवाही होती हैं ?