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मुनिश्री सुधाकर और मुनिश्री नरेश कुमार के सानिध्य में “मन की गांठे खोलो” कार्यक्रम किया आयोजित

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रायपुर

राजधानी रायपुर के टैगोर नगर स्थित पटवा भवन में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा में मुनिश्री सुधाकर और मुनिश्री नरेश कुमार के सानिध्य में जय समवसरण के द्वारा की “मन की गांठे खोलो” कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य नरेश वलेचा शामिल हुए.

मीडिया से बातचीत करते हुए मुनिश्री सुधाकर कुमार ने कहा की जिंदगी को आनंद में बनाने के लिए “मन की गाठे खोलना” आवश्यक है. व्यवहार को धरातल पर जब किसी के साथ मन से, वचन से, कर्म से, तन से, व्यवहार से करते हैं. कई बार अनचाहे-चाहे में कुछ गांठे लग जाती हैं. वह गांठे हमें दर्द देती है. वेदना देती है मन को व्यतीत करती हैं.

जीवन को बोझल बना देती है. आज का हमारा जो कार्यक्रम था “मन की गांठे खोलें” कुछ यादें होती हैं. जो यादें नहीं रहती वह यादें उतानाए बन जाती हैं. जब उन यादों को याद करते हैं तो मन में हिंसा का प्रतिशोध का इर्षा का बदले की भावना आती है. आज हमने चार सूत्र बताएं उन चार सूत्रों की साधना से मन की गांठ खोली जा सकती हैं.

    पहला सूत्र था स्वयं नियंत्रण का विकास करें. सेल्फ कंट्रोलिंग पावर हम दूसरों के हाथों की कठपुतली ना बने अपना रिमोट अपने हाथ में रखें.
    दूसरा सूत्र- छोड़ो कल की बात कल की बात पुरानी जो बीत गया है आप उसे भूल जाइए.
    तीसरा सूत्र- मैथिली भाव का विकास करें मिट्टी में शब्द भविष्य के मैत्री है. भगवान महावीर ने कहा है कि प्राणी मात्र के साथ में मैत्री का अनुभव कर रहा हूं किसी के साथ भी मेरा किसी प्रकार का वेद विरोध नहीं है.
    चौथा सूत्र- जो हुआ सो अच्छा हुआ अगर इन चार सूत्रों को जीवन में लेंगे तो मेरा विश्वास है हम मन की गाठे खोल सकते हैं.

आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एनसीआरटी के सदस्य हैं रेलवे बोर्ड के सदस्य रहे हैं. नरेश जी सालेचा दिल्ली से आज यहां पहुंचे हैं. उनकी धर्म के प्रति जो गहरी निष्ठा है. नेतृत्व मूल्य के प्रति इनका जो एक अंतर मन में जो नैतिक मूल्य का पालन करते हैं. मैं समझता हूं. आज के भौतिक युग में यह अपने आप में एक आदर्श व्यक्तित्व है.

सभा में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे रेलवे बोर्ड के सदस्य नरेश जी सालेचा ने कहा कि बहुत सुंदर कार्यक्रम था. सभी जो आयोजनकर्ता हैं. उनका मैंने साधुवाद किया है. मुनिश्री ने मन की गाठे पर जो बोला है. उसको अगर हम जीवन में अपनाते है. तो यह सभी के लिए सहायक होगा. रायपुर की जनता के लिए मेरा धन्यवाद अभी जागरण का समय है. जितना आपने आत्मा का कल्याण करें. अपने विचार को सुधारे. भाव को शुद्ध रखें. जैसे कि मुनिश्री ने बताया है. वह बहुत अच्छा रहेगा.

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